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F F F F F F f
८२
८२
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८३ नि० २८
८३
८३
८४
८६
८७
८७
६१
૨૪
६ नि० १२
ม
६६ नि० १७
६७
६८ नि० २३
६८
हद
१०७
११०
१११
१२०
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[ ५३ ]
अशुद्ध
ठड्ढ | (याने
हिन्दी में खड़ा )
में द्विर्भाव कुसुप्पयर, कमल-केल, कमल |
• विविध
तिरिया
तिरिच्छ मसाण
1
अपभ्रंश भाषा में
स्पप्न
अइमुत्तय,
मणसि ।
पिट्टी
मुनियर |
केहं +
'अ' का
वर्णामि,
एग्गमेग |
आलं
तुङमाल
नोमोहो
पाणिनिकाल से
इच्छाति
चतुखत
शुद्ध ठड्डनिस्पंद
व्यापक हिन्दी में ठाढ़ाखड़ा )
में बैकल्पिक द्विर्भाव
कुसुमप्पयर,
कदल
सर्वथा
तिरिय
तिरिच्छि
मसान' | ( देखिए- पा०
१
- केल, कयल ।
प्र० से मुसान ) तक का सारा उल्लेख | इसके
बाद अलग पैरे ग्राफ में होना चाहिए २ अपभ्रंश
भाषा में
स्वप्न
अइमुतय,
मसि ।
पिट्ठी
मुणीयर |
कह +
'म्' का
वर्णमि,
एगमेग ।
अलं
तुमलं
नमोहो पाणिनि के काल से
इच्छति
चतुरंत
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