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शब्द
मोचिअ
मोत्तव्वं
मोत्तिय
अर्थ
मोर (सं० ) = मोर - मयूर
मोर
मोसा = असत्य मोह=किरण
मोह मोह - मूढता मोहनदास
( ५८ )
पृष्ठाङ्क
२५५
३७१
२६३
१३४
२२७
२८, २१२
८३
१८६
२२६
य
यक ( मा० )=यक्ष यणवद ( मा० ) - देश
यधा ( मा० ) यमनी ( सं० ) = यवनी स्त्री
४२
याण ( मा० )=यान - वाहन यादि (शौ० क्रि० ) = वह जानता है ३४
४२
यादि ( मा० ) = वह जाता है योत्र (सं० ) = बैल को गाड़ी या हल में जोड़ाने के लिए जुए में पड़ी रहसी आदि का बंधनजोता - (गु० ) जोतर
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६३
३४
४२, ६६
१३०
१३१
रइ=प्रेम
२, ३१५
रंभा= रंभा - एक अप्सरा का नाम ३८
शब्द
रक्ख् ( धा० )
रक्खस= राक्षस
रंग्ग= रंगा हुआ
रच्छा
रज्ज
रहधम्म
रण्ण= अरण्य
रण्णवास
रतन = रत्न
रत्त-रंगा हुआ
रत्ति=रात्रि
रफस ( चू० पै० )=वेग
रभस=
रय
रयण= रत्न
रयणी
रयणीअर
अर्थ
रयय
रस
रसायल
रसाल
रसालु
३८
३८
रम् (धा० )
२०२
रम्फा ( चू० पै० ) = रंभा - अप्सरा ३८
रम्भा=
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पृष्ठाङ्क
१८३, २४४
८३
"
७५
३१५
२११
२२६
१६
२४२
८६
७५, २८४
५६, ३१५
३८
२११
८६
३१६
६४
१८७, २५७
२०६
३३, १८७
२६४
२६४
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