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शब्द
अर्थ
कोप्पर हाथ का मध्य भाग
कोव
कोववर
कोवि
कोस
कोसिअ
कोसे
कोस्टागाल ( मा० ) = कोठार
कोह
कोहंड = कोहला - कोहड़ा
कोहंडी = कोड़े की लता
को हण्ड - कोहड़ा
कोहदंसि
कोहलको हँदा कोहली = कोहँड़े की लता दुधालु (सं० )= भूखा
ख
खअ = क्षय - विनाश
खइअ =जड़ा हुआ
खंति
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( १६ )
पृष्ठांक शब्द
खंद=महादेव का पुत्र संघ (पालि)
खंध =भाग
खंधावार = छावनी, लश्कर का
पड़ाव
२६
२८३
२४२
१६५
१८७
२४१
३५६
8
६८
१८३
८०
८०, ८१
८१
२४०
८०, २८१
בס
१३०
६२
४५
३१६
५७, ६३
५७, ६३
१८८७
६३
खंभ=खंभा
खग्र्ग= तलवार
खग्ग=
खग्गो =
""
अर्थ
खण-क्षण-समय
खण (घा० )
"3
खट्टेह= खट्टा+इह = खट्टेह-इधर
खटिया
पृष्ठांक ७५, ७७
६०
स्वसिअ =जड़ा हुआ
खा ( धा० )
खाद् (घा० )
खाय ( धा०
>
खार
५७, ३२६
६०
खमा=क्षमा - सहन करना
खम्म = ( चू० पै० ) = गरमी
खय
खल
खलु
खल्लीड = खल्वाट - वह जिसके
माथे में केश न हो
खाणु-ठूंठा वृक्ष खिज्ज् ( घा० ) खित्त= फेंका हुआ
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२१४, २५६.
खण्णु-ठूंठा वृक्ष - पत्ता रहित वृक्ष ८२
खत्तिअ
२१०
खप्पर= खप्पर
४४
६२
३८
१८८७
२६०
२०२
६६
६२
२०
૧૪
- १५०
१५६
१५६
१८६
७५, ८२, २४१
१५४ ८३, २५७
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