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बहिणी ( भगिनी ) = भगिनी, बहिन । वाराणसी, वाणारसी (वाराणसी) = वाराणसी, बनारस नगर । पिच्छी ( पृथ्वी)= पृथ्वी। पुहवी ( पृथ्वी ) = पृथ्वी । साडी ( शाटी ) = साड़ी। मित्तो ( मैत्री ) = मित्रता । अज्जू ( आर्या ) = सास । कणेरु ( करेणु )= हस्तिनी, हथिनी, मादा हाथी । कक्कंधू ( कर्कन्धू )=बेर । अलाऊ, लाऊ ( अलाबू ) = तुम्बड़ी, लौकी, लउकी । वहू ( वधू ) = वधू , वहू।
वाक्य (हिन्दी) उसकी जीह्वा पर अमृत है और तेरी जीह्वा पर गरल । उसकी सास मुझे आशीर्वाद देगी कि तुम्हारा कल्याण हो। गाय और हथिनो फूलों की माला से शोभेगी। कीर्ति और कार्य की सिद्धि के लिए प्रयत्न करो। जो विवेक नहीं जानता वह पशु है । हे भगिनि! तू इस ढंग से बैठ कि सलाई तेरी ननद की आँख को न लगे। आज प्रतिपदा है अतः ब्राह्मण नहीं पढ़ेंगे। पुत्र पढ़े तो पण्डित बने ( क्रियातिपत्ति )। ज्योतिषी ने कहा "अभी आकाश में बिजली चमकेगी।
वाक्य ( प्राकृत ) अच्चेइ कालो तुरंति राईओ वरेहि वरं । हे धूआ ! जहेब देवस्स वट्टिज्जासि तहेव पइणो वट्टिज्जासि ।
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