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म०पु० भणिस्ससि, भणेस सि
भणिस्स से, भणेस्स से भणिहिसि भणेहिसि भणिहिसे, भणेहिसे
( २५३ )
तृ०पु० भणिस्सइ, भणेस्सइ
भणेस्सति
भणिस्सति, भणिस्सए, भणेस्सए
भणिस्सते, भणेस्सते
भणिहिइ,
भणेहिइ
भणिहिति, भणेहिति भणिहिए, भणेहिए भणिहिते, भणेहिते सर्वपुरुष सर्ववचन
"
भणेज्ज, भणेज्जा
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भणिस्सह,
भणे सह
भणिस्सथ, भणेस्तथ
भणिहित्या, भणेहित्था भणिहि भणेहिह
१. अग्गि, अग्गिनि, गिनि ।
भणिस्संति, भणेस्संति
भणिस्संते,
भणे संते
भणिहिति भणेहिति
भणिहिते, भणेहिते भणिहिरे, भणेहिइरे
sarरान्त और उकारान्त शब्द
१
अग्गि अग्नि = अग्नि, आग, वह्नि ।
गणि ( गणित ) - गण - समूह की रक्षा - देख-भाल करनेवाला आचार्य ।
गिहि ( गृहिन् ) = गृहस्थ |
मणि ( मणि) = मणि ।
सव्वण्णु ( सर्वज्ञ ) = सर्वज्ञ, सब कुछ जाननेवाला ।
किसाणु ( कृशानु ) = अग्नि |
जण्डु ( जह्न ) = सगर के पुत्र का नाम ।
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भिक्खु ( भिक्षु ) = भिक्षु |
-दे० पा० प्र० पृ० ७ ।
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