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एकव०
बारहवाँ पाठ इकारान्त और उकारान्त पुंल्लिंग शब्द के रूप :
रिसि* एकवचन
बहुवचन प्र० रिसि = रिसो' ( ऋषिः) रिसि + अउ = रिसउ
रिसि + अओ' = रिसओ
रिस + अयो = रिसयो (ऋषयः) * रिसि शब्द के पालिरूप :
बहुव० प्र० रिसि
रिसी, रिसयो द्वि० रिसि
रिसी, रिसयो त. रिसिना
रिसीहि, रिसिहि, रिसीभि, रिसिभि च० रिसिनो, रिसिस्स रिसीनं पं० रिसिना, रिसिस्मा, रिसोहि, रिसिहि, रिसोभि, रिसिहि
रिसिम्हा ष० रिसिनो, रिसिस्स रिसीनं स० रिसिस्मि, रिसिम्हि रिसीसु, रिसिसु सं० रिसे !, रिसि! रिसो, रिसयो
पालिभाषा में प्रथमा तथा द्वितीया के बहुवचन में प्राकृत के ‘णो' प्रत्यय की तरह 'नो' प्रत्यय भी लगता है-सारमतिनो, सम्मादिट्ठिनो, मिच्छादिट्ठिनो, वजिरबुद्धिनो, अधिपतिनो, जानिपतिनो, सेनापतिनो, गहपतिनो ( देखिए, पा० प्र० पृ० ८४ से ६१ )।
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