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( २०९ )
एअ ( नपुंसकलिङ्ग) प्र. एस, एअं, इणं, इणमो (एतत्) एआणि,एआइ, एआई* (एतानि)
द्वि० ,, ,, ,, ,, __ शेष रूप पुंल्लिङ्ग को भाँति होंगे।
सामान्य शब्द दुम (द्रुम) = द्रुम, वृक्ष । भमर (भ्रमर ) = भ्रमर, भंवरा । रस ( रस )= रस । जणय ( जनक ) = जनक, पिता। साव ( शाप) = शाप, श्राप, दुराशीष । भारहर ( भारहर ) = भार वहन करने वाला, मजदूर । लाभ, लाह ( लाभ ) = लाभ । अलाभ, अलाह ( अलाभ ) = अलाभ, लाभ न होना, हानि, घाटा, नुकसान । कयविक्कय ( क्रय-विक्रय) = क्रयविक्रय, खरीदना और बेचना । जम्म (जन्मन् )= जन्म, उत्पत्ति । छत्त ( छात्र ) = छात्र, विद्यार्थी । वद्धमाण ( वर्धमान ) = वर्धमान-महावीर का नाम । पमाद (प्रमाद )प्रमाद, आलस्य, असावधानता । संग ( संग ) = संग, संगति, सोहबत । असमण ( अश्रमण) = अश्रमण, जो श्रमण न हो। तअ ( तेजस् ) = तेज ।
* हे० प्रा० व्या० ८।३।८५ ।
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