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सुदत्त, सुत्त आदत्त, आत्त प्रदत्त, प्रत्त वहनी, वेणी 'अनुस्वार' का 'आगम':भद्र, भन्द्र
दे० पृ० ८७ अनुस्वार का आगम । अत्तिका, अन्तिका लक्षण, लाञ्छन र्थ, भ, म्र, र्ष और ह्र इन संयुक्तव्यंजनों के बीच में अकार तथा इकार का आगम :मनोऽर्थ, मनोरथ कम्र, कमर गर्भ, गरभ .
दे० पृ० ८६ आगम। हर्ष, हरिष वर्षा, वरिषा वर्ष, वरिष पर्षत्, परिषत् दह, दहर 'क्ष' को 'ख' :क्षुल्लक, खुल्लक
दे० पृ० ६२ खविधान। क्षुर, खुर पक्ष, पुख 'क्ष' को 'च्छ' :पक्ष, पिच्छ
दे० पृ० ६४ नि० ४ ॥ क्षुरी, छुरी कक्ष, कच्छ
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