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________________ आचारदिनकर (भाग-२) . 172 जैनमुनि जीवन के विधि-विधान लोग दुर्जन हो, वाणी के विवेक से रहित हों, अल्प श्रावकजन हों, अर्थात् श्रद्धावान् लोग कम हो तथा जो देश (स्थान) उपद्रव या आतंक से युक्त हो। इस प्रकार के देश अनार्य कहे जाते हैं। अनार्य देश के नाम इस प्रकार हैं -१. शक २. यवन ३. शबर ४. बर्बर ५. काय ६. मुरूण्डदेश ७. उड्डदेश ८. गौडदेश ६. पक्वणग देश १०. अरब देश ११. हूण देश १२. रोम देश १३. पारस देश १४. खस देश १५. खासिक देश १६. टुंबिलक देश १७. लकुश देश १८. बोक्कश देश १६. भिल्ल देश २०. पुलींद्र देश २१. कुंच देश २२. भ्रमर देश २३. भया देश २४. कोपाय (कम्बोज) देश २५. चीन देश २६. चंचुक देश २७. मोलव देश २८. मालव देश २६. कुलार्द्ध देश ३०. कैकेय देश ३१. किरात देश ३२. हयमुख देश ३३. खरमुख देश ३४. गजमुख देश ३५. तुरंगमुख देश ३६. मिंढकमुख देश ३७. हयकर्ण देश ३८. मुहयकर्ण देश ३६. गजकर्ण देश - इनके अतिरिक्त भी अन्य बहुत से अनार्य देश हैं। इन देशों के लोग पापी, चंडकर्मा, अनार्य, निपुण, निरणुतापी होते हैं। इन देशों में रात्रि के स्वप्न में भी धर्म शब्द देखने-सुनने को नहीं मिलते। विहार के योग्य देश वे हैं, जिनमें आर्य लोग रहते हों, सुभिक्ष हो, शत्रुसेना आदि के भय से मुक्त हो, जहां लोगों में वाणी का विवेक हो, लोग श्रद्धालु हो, जहाँ लोगों में एक-दूसरे के प्रति आदर भाव हो तथा बहुत से श्रद्धालु रहते हों, अर्थात् बहुत से श्रावक रहते हों - ऐसे क्षेत्र विहार हेतु उपयुक्त कहे गए हैं। आर्य देश इस प्रकार हैं - १. राजगृह-मगध २. चंपा-अंग देश ३. ताम्र लिप्ती बंग देश ४. कांचनपुर-कलिंग देश ५. वाराणसीकाशी देश ६. साकेत नगर-कौशल देश ७. गजपुर-कुरू देश ८. शौरीपुर-कुशात ६. कांपिल्य नगर-पांचाल देश १०. अहिच्छत्रा नगरी-जंगल देश ११. द्वारवती नगरी-सौराष्ट्र देश १२. मिथिलानगरीविदेह देश १३. कौशाम्बी नगरी-वत्स देश १४. नंदिपुर-शाण्डिल्य १५. भद्दिलपुर-मलय देश १६. बैराटपुर -मत्स्य देश . १७. वरुणाअच्छ देश १८. मृत्तिकावती नगरी-दशार्ण देश १६. शुक्तिमती Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001694
Book TitleJain Muni Jivan ke Vidhi Vidhan
Original Sutra AuthorVardhmansuri
AuthorSagarmal Jain
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2006
Total Pages238
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Ritual, Religion, & Vidhi
File Size15 MB
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