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चूरू
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चूरू
दीक्षा क्रम साध्वी-नाम जन्मसंवत् स्थान | पिता-नाम गोत्र दीक्षा संवत् तिथि | दीक्षा स्थान | विशेष-विवरण श्री धनकंवरजी 1967 लाडनूं वृद्धिचंद्रजी फूलफगर | 1978 मा. कृ. 8 | लाडनूं सूत्र,स्तोकादि कंठस्थ,कार्यदक्ष,तप-संख्या
3097,प्रतिदिन 5 हजारगाथाओंकास्वाध्याय श्री मगनांजी | 1967 छापर हजारीमलजी बैद |1978 चै. कृ.6 | सुजानगढ़ |11 वर्ष की सुहागिन वय में दीक्षिता साध्वी,
तप-संख्या681,संवत्1995 सूरपूरामेस्वर्गस्थ श्री मनोरांजी 11958 सुजानगढ़ | मोतीलालजी कोठारी|1979 भा. शु. 10 बीकानेर सजोडे दीक्षा, 38 वर्ष में कल 2277 दिन
| तप के, अंत में अनशन द्वारा राजनगर में
पंडितमरण श्री बालूजी 1968 राजगढ़ | हीरालालजी पुगलिया| 1979 भा. शु. 10 बीकानेर | सरल, निष्ठाशील श्री मानांजी |1949 राजलदेसर | नवलचंदजी कोठारी | 1980 का.कृ.7 जयपुर | संवत् 2011 पहुना में स्वर्गस्थ श्री रायकंवरजी |1971 चाड़वास | पूरखचंदजी छाजेड़ |1980 का. कृ.7 जयपुर | अग्रणी के रूप में विचरी श्री लिछमांजी | 1969 लाडनूं | भूरामलजी खटेड | 1981 भा. कृ. 13
संवत् 2041 तक 402 उपवास व पचोले
तक तप श्री जडावांजी | 1949 छापर | अमींचदजी सेठिया |1981 का. शु. 5
| तप 1 से 9 तक लड़ी,14,15 उपवास, तप
के कुल दिन 2661, पंडितमरण 2024 में श्री सिरेकंवरजी | 1949 फतेहपुर | जेसराज दूगड़ | 1981 का. शु. 5
संवत् 1985 बीदासर में पंडित मरण, चार
वर्ष में 222 दिन तप किया। 10श्री मनोरांजी | 1954 छापर | नानकरामजी सिंधी | 1981 का. शु. 5
संवत् 2019 राजनगर में दिवंगत, तप 1838
उपवास,83 बेले,4 तेले,9 चोले,4 पंचोले |श्री मालूजी 1957 राजलदेसर | भौमराजजी बैद 1981 का. शु. 5 | चूरू अग्रणी, शासनप्रभाविका, संवत् 2036
डीडवाना में स्वर्गस्थ श्री चांदकंवरजी | 1970 मोमासर | दीपंचदजी संचेती | 1981 का. शु.5
आगम बत्तीसी का तीन बार वाचन, सात
| सूत्र व कई ग्रंथों को लिपिबद्ध किया। oश्री हरकंवरजी |1964 बीदासर | खूबचंदजी नाहटा 11981 मृ.शु.2 ।
| फतेहपुर | मिलनसार, संवत् 2038 पारलू में अनशन
के साथ स्वर्गवास 86. |118 10श्री जड़ावांजी 1946 सरदारशहर | चूनीलालजी गीया | 1981 मा. शु. 14 |
| पति मुनि लिखमीचंदजी के साथ दीक्षा हुई, संवत् 2021 लाडनूं में स्वर्गस्थ
चूरू
पल
जैन श्रमणियों का बृहद इतिहास
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