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________________ विशेष-विवरण Jain Education International 44 क्रम सं दीक्षा क्रम | साध्वी-नाम जन्मसंवत् स्थान | पिता-नाम गोत्र | दीक्षा संवत् स्थान श्री छोटां जी | *बाजोली 1892 | 47 श्री अमृतांजी | *मल्लिनाथजी 1892 - का स्थान 46. श्री पन्नांजी | कोशीवाड़ा राठौर | 1892 ज्ये.शु.5 स्वर्गवास संवत् 1936 पादू में। स्वर्गवास उसी वर्ष संवत् 1892 आमेट में तेरापंथ परम्परा की श्रमणियाँ सिसोदा 47. 49 बोथरा 1892 ज्ये.शु.5 पादू श्री सिरदारांजी | बाजोली श्री सदांजी | *बोरावड़ 48. 50 1893 - बोरावड़ In श्री चंपाजी चाणोद *चवाण 1893 मा. कृ. 2 | पाली For Private & Personal Use Only 895 52 10 श्री हस्तूजी | रत्नगढ़ lo श्री लिछमांजी | सवाई आंचलिया चंडालिया | 1893 चै. शु. 8 1894 मा. कृ. 11 | चूरू रतनगढ़ | तप-13, 15, 15, 30 उपवास, संवत् 1920 में स्वर्गगमन ऋषिराय युग में दिवंगत तपस्विनी, अंतिम संलेखना में कुल 140 दिन का तप व 25 दिन पारणे के, अंत में 11 उपवास में संवत् 1895 बोरावड़ में पंडित मरण तप-4,4,8, 13, 15, 16,6,30 दिन, संवत् 1918, बीदासर में समाधिमरण अग्रणी, संवत् 1936 में स्वर्गस्थ संयम क्रिया में सावधान, नम्र प्रकृति की, मधुरकंठी थीं, संवत् 1909 रतनगढ़ में स्वर्गस्थ संवत् 1926 में स्वर्गस्थ अग्रणी, धर्मप्रभाविका, संवत् 1943 के बाद मघवायुग में दिवंगत तपस्विनी, संवत् 1912 गंगापुर में स्वर्गस्थ संवत् 1899 सिरियारी में स्वर्गवास संवत् 1904 में दिवंगत 5 मासखमण, उपवास बेले, तेले अनगिनत, संवत् 1902 नाथद्वारा में पंडितमरण कोठारी 1895 - 5 श्री रंगूजी | गोगुंदा श्री ऋभ्रूजी | लाछड़सर 1895 म. शु. 11 रतनगढ़ 000000 | मेघराजजी पोरवाल | 1895 ज्ये. कृ. 8 1895 । श्री जेतांजी श्री जेठांजी - श्री गंगा जी श्री गंगाजी | गोगुंदा | *दूधोड़ *कूटवा *चित्तौड़गढ़ 1895 । माहेश्वरी 1895 www.jainelibrary.org
SR No.001693
Book TitleJain Dharma ki Shramaniyo ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijay Sadhvi Arya
PublisherBharatiya Vidya Pratishthan
Publication Year2007
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size24 MB
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