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________________ Jain Education International ठं न निम्बाहेड़ा क्रम साध्वी नाम |जन्म संवत् स्थान | पिता का नाम गोत्र | दीक्षा संवत् तिथि | दीक्षा स्थान | विशेष विवरण 237. श्री इंगिताश्रीजी 12025 बाडमेर | ईश्वरदास मांटो तर 2044 वै. शु. बाडमेर अध्ययनशीला 238. श्री लक्षिताश्रीजी | 2024 बाडमेर | भंवरलालजी चौपड़ा 2044 वै. शु. | बाडमेर अध्ययनशीला - श्री विकासश्रीजी 2023 लौदी रतनलालजी बैद 2045 चैत्र शु. 10 | ग्लौदी अध्ययनशीला श्री अक्षयप्रभाजी बड़ी सादड़ी घासीलालजी मारू 1 2045 ज्ये. शु. 5 जावरा अध्ययनशीला - श्री सरोजश्रीजी उदयपुर भंवरीलालजी मेहता 2045 ज्ये. शु. 5 | जावरा संघ से पृथक् विचर रही हैं। | श्री श्रद्धाश्रीजी उदयपुर शोभालालजी पगारिया | 2045 ज्ये. शु. 5 जावरा ज्ञान साधनारत | श्री अर्पिताजी | बम्बोरा तख्तमलजी पीतलिया | 2045 ज्ये. शु. 5 जावरा विद्याध्ययनरत 244. AIश्री किरणप्रभाजी | नीमच शंभूसिंहजी कांठेड़ 2045 मा. शु. 10 मन्दसौर तरूणतपस्विनी 245. ०|श्री गरिमाश्रीजी | 1996 राजनांदगांव जुहारमलजी नाहटा | 2046 वै. शु. 7 निम्बाहेड़ा तपस्विनी, पुत्र-पुत्रियों एवं पति को छोडकर दीक्षाली, पुत्री श्री उज्जवलप्रभाजी हैं। | श्री चारित्रप्रभाजी | विल्लिपुरम रावतमलजी डोसी | विल्लिपुरम् वैराग्यावस्था में 99 उपवास कर कीर्तिमान स्थापित किया। | श्री कल्पनाश्रीजी नांदगांव रोशनलालजी छाजेड़ संयम-साधनारत श्री शोभाश्रीजी बोल्ठाण (महा.) मांगीलालजी तातेड़ निम्बाहेड़ा संयम-साधनारत श्री रेखाश्रीजी नांदगांव बंशीलालजी दरड़ा | 2046 वै. शु. निम्बाहेड़ा संयम-साधनारत श्री विवेक श्रीजी पाटोदी दौलतरामजी बाघमार | 2046 वै. शु. 7 | बालोतरा संयम-साधनारत श्री पुण्यप्रभाजी |2024 विल्लिपुरम् | रावतमलजी डोशी |2046 वै. शु. 7 विल्लिपुरम(त.ना)| 43 दिन का तप कर सं. 1989 भा. कृ. अमावस को उत्तर मेरूर (ता. ना.) में स्वर्गस्थ | श्री पुनीताश्रीजी 12025 बाडमेर | पुखराजजी चौपड़ा बालोतरा ज्ञान-साधनारत 253. | श्री पूजिताश्रीजी जेठमलजी चोपड़ा 2046 वै. शु.7 | बालोतरा ज्ञान-साधनारत 254. A| श्री मनीषाजी 2023 भालुण्डी | पृथ्वीराजजी नाहर 2048 मा. शु. 13 | बीकानेर आगम रत्नाकर, तप-1 से 5 उपवास, 7, 8, 15. 21,30 उपवास 255. श्री धैर्यप्रभाजी 2023 एरा रामेश्वरजी मांदलिया | 2048 मा. शु. 13 | बीकानेर सेवाभाविनी, तपस्विनी,8,9,9, 16, 31 उपवास श्री उपासनाजी 12025 रतलाम | बसंतीलालजी श्रीश्रीमाल| 2054 का. शु.7 | रतलाम एम. ए., आगमरत्नाकर, अठाई, मासक्षमण श्री वीतरागश्रीजी | 2038 कपासन | नाथूलालजी तातेड़ |2058 मा. शु. 13 | गंगाशहर | जैन विशारद, तप-5, 6, 9, 11 For Private & Personal Use Only 800 न वै. शु. 7 बायतु जैन श्रमणियों का बृहद इतिहास www.jainelibrary.org
SR No.001693
Book TitleJain Dharma ki Shramaniyo ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijay Sadhvi Arya
PublisherBharatiya Vidya Pratishthan
Publication Year2007
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size24 MB
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