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________________ (झ) उपप्रवर्तिनी श्री स्वर्णकान्ताजी (अंबाला) का अवशिष्ट श्रमणी-समुदाय51 Jain Education International साध्वी नाम | श्री वीरकान्ताजी श्री कमलेशजी श्री विजयजी श्री चंद्रप्रभाजी श्री संतोषजी श्री श्रेष्ठाजी श्री वीणाजी For Private & Personal Use Only 748|| जन्म संवत् स्थान | पिता का नाम गोत्र | दीक्षा संवत् तिथि | दीक्षा स्थान | गुरूणी विशेष विवरण 2002 लाहौर | श्री जगदीशचंदजी | 2024 अक्टू. 5 श्री राजकुमारीजी | शांत, मिलनसार, गंभीर प्रकृति, समाज को नई चेतना देने में दक्ष | 2003 अंबाला श्री चिरंजीलालजी 12027 मार्च 26 अंबाला श्री सुधाजी बी.ए., लिपि सुंदर, समन्वय साधि का, मासक्षमण तप 'दीप्त तपस्विनी' | 2008 रोपड़ ला. अमरचंदजी 2030 जन. 28 रोपड़ श्री सुधाजी सादगीमय जीवन, सेवाभाविनी, भंडारी उपनाम, परम गुरू भक्त। 2010 अंबाला | श्री रामकृष्णजी 2029 - रोपड़ |श्री सुधाजी स्पष्टवादी, सरल,शास्त्रों की अध्येता 2007 बलाचौर श्री दर्शनलालजी 2033 जन. 24 श्री राजकुमारीजी | उत्कृष्ट आगमज्ञाता, दो वर्षीतप और भी फुटकर तपस्याएं की। | 2017 अंबाला | श्री रामकृष्णजी 2036 फर. 11 ॥ अंबाला श्री कमलेशजी | प्रभावशाली, प्रवचनकर्ती, विशारद | में सर्वोच्च स्थान, घोर तपस्विनी। | 2021 हुनमानगढ़ श्री विद्यारत्नजी 12041 अप्रैल 22 श्री वीरकान्ताजी शांत, एकान्तप्रिय, स्वाध्याय व | मौनवृत्ति में संलग्न 2023 अंबाला | श्री रामकृष्णजी 2043 अप्रैल 30 श्री सुधाजी अध्ययनशील, संगीतप्रिय, 331 उपवास 'तपचन्द्रिका' 2025 मलोटमंडी श्री दीपचंदजी | 2044 मई 8 अंबाला श्री संतोषजी मासक्षमण तप, अध्यात्मप्रेमी 1999 बलाचौर श्री प्यारेलालजी 12044 मई 8 अंबाला |श्री राजकुमारीजी | दो वर्षीतप, 51, 61 आयंबिल, मासक्षमण तप किया। 2023 जैतोंमंडी |श्री कुलवंतरायजी |2045 अप्रैल 14 |अंबाला श्री सुधाजी आठ आगम कंठस्थ, स्वर मधुर, प्रभाविक प्रवचन, 51 आबिल| 2024 हनुमानगढ़ श्री विद्यारलजी 2045 अप्रैल 14 अंबाला श्री राजकुमारीजी आठ आगम कंठस्थ, शांत. | सहनशील, सेवाभाविनी 2025 जालंधर श्री कृष्णचंदजी 2045 जनवरी 22 श्री किरणजी आठ आगम कंठस्थ, एम. ए. (संस्कृत) 2023 बड़ा ख्याला | श्री देवराजजी 2046 फरवरी 11 पानीपत श्री राजकुमारीजी मधुरगायिका, एकान्तप्रिय, मौन साधिका 8. श्री समताजी श्री सुदेशजी श्री रक्षाजी | श्री सुयशाजी श्री सुव्रताजी आ श्री प्रीतिजी जैन श्रमणियों का बृहद इतिहास श्री कमलाजी www.jainelibrary.org 551. महाश्रमणी अभिनंदन-ग्रंथ, श्री स्वर्णकान्ताजी का शिष्या परिवार पृ. 53-65%3 प्रमुख संपादिका-साध्वी स्मृति, आगरा, 1996 ई.
SR No.001693
Book TitleJain Dharma ki Shramaniyo ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijay Sadhvi Arya
PublisherBharatiya Vidya Pratishthan
Publication Year2007
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size24 MB
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