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अध्याय 6 :
527-800 स्थानकवासी परम्परा (धर्मक्रांति, वीर लोकाशाह, क्रियोद्धारक आचार्यों की श्रमणी परम्परा)
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0 धर्मवीर लोकाशाह और उनकी धर्मक्रांति.....
............ 0 स्थानकवासी नामकरण.
............. - स्थानकवासी श्रमणियाँ..
.............. - लोकागच्छीय श्रमणियाँ..... a क्रियोद्धारक आचार्य श्री जीवराज जी महाराज की श्रमणी परम्परा............
(i) आचार्य श्री अमरसिंह जी महाराज का श्रमणी समुदाय, (ii) आचार्य श्री नानकरामजी की परम्परा का श्रमणी समुदाय, (iii) आचार्य श्री शीतलदास जी की परम्परा का श्रमणी समुदाय क्रियोद्धारक श्री लवजी ऋषि जी की परम्परा...
................ 545 (i) श्री कानजी ऋषि जी (महाराष्ट्र) का श्रमणी समुदाय, (ii) श्री हरिदास जी (पंजाब) का श्रमणी समुदाय, (iii) श्री ताराऋषिजी (खंभात) का श्रमणी समुदाय
क्रियोद्धारक श्री धर्मसिंहजी महाराज (दरियापुरी) की श्रमणी परम्परा.. 0 क्रियोद्धारक श्री धर्मदास जी महाराज की श्रमणी परम्परा.................... (i) गुजरात परम्परा (लिंबड़ी अजरामर, लिंबड़ी गोपाल, गोंडल, बरवाला, बोटाद, कच्छ
आठ कोटि मोटी पक्ष, नानी पक्ष) (ii) मालव परम्परा, (iii) मालवा की शाजापुर शाखा, (iv) मारवाड़ परम्परा, (v) मेवाड़ परम्परा - क्रियोद्धारक आचार्य श्री हरजी ऋषि जी की श्रमणी परम्परा ................
(i) कोटा सम्प्रदाय, (ii) साधुमार्गी सम्प्रदाय, (iii) दिवाकर सम्प्रदाय - हस्तलिखित ग्रन्थों में स्थानकवासी जैन श्रमणियों का योगदान ............ 0 उपसंहार. 0 अवशिष्ट श्रमणियों की तालिका.........
(i) आचार्य अमरसिंह जी की श्रमणियाँ, (ii) आचार्य शीतलदासजी की श्रमणियाँ, (iii) आचार्य कानजी ऋषि जी की श्रमणियाँ, (iv) आचार्य हरिदासजी (पंजाबी) की श्रमणियाँ (श्री पद्मश्रीजी, श्री प्रियावतीजी, श्री प्रेमकुमारीजी, श्री शशिकान्ताजी, श्री मगनश्रीजी, श्री सुन्दरीजी, श्री मोहनदेवीजी, श्री कैलाशवतीजी, श्री स्वर्णकान्ताजी का शिष्या परिवार), (v) लींबड़ी अजरामर, (vi) गोंडल-संप्रदाय (श्री जेतुबाइ, श्री देवकुंवर बाई, श्री संतोकबाई, श्री मणीबाई पारवती बाई, गोंडल संघाणी, बोटाद की श्रमणियाँ), (vii) मालव परम्परा, (vii) मेवाड़ परम्परा, (ix) कोटा सम्प्रदाय, (x) साधुमार्गी सम्प्रदाय
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