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________________ Jain Education International 518 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org क्रम साध्वी नाम 1. श्री सुशीला श्रीजी राणी - मरूधर 2. A 3. श्री भक्ति श्रीजी 4. श्री कमलश्रीजी (ङ) आचार्य नीतिसूरीश्वरजी का श्रमणी - समुदाय 68 दीक्षा संवत् तिथि दीक्षा स्थान गुरूणी 1995 पो. कृ. 5 वालीगांव 5. श्री सुनंदाश्रीजी जन्म संवत् स्थान पिता नाम गणेशमलजी श्री महायशाश्रीजी 1984 वांढिया 6. श्री कंचन श्रीजी 7. श्री चंद्राश्रीजी विसलपुर विजोवा रामचंद्रभाई 1962 कोठ (गु.) फतलाल 1958 मुजपुर राजपारभाई (कच्छ) वनेचंदजी 1973 नायका (गु.) हालचंदभाई 668. 'श्रमणीरत्नो', पृ. 494-516 मोहनलाल 2019 - सं. 2044 वडनगर 1987 आषा. शु. 13 1992 का शु. 5 1992 का शु. 5 t ' 1 श्री भुवनश्रीजी सुशीलाश्रीजी जतनश्रीजी श्री धनश्रीजी विशेष विवरण उपधान, नवपद ओली, बीस स्थानक, सिद्धितप, दो वर्षीतप वर्धमान ओली तप किया। शांतमूर्ति विदुषी । अनेकविध तपस्या, 70 के लगभग शिष्या - प्रशिष्या, 85 वर्ष की उम्र में स्वर्गस्थ महिमाश्रीजी साठ वर्ष की उम्र में 45 दिन का तप, सूरत में दिवंगत शत्रुंजय की 12 बार 99 यात्रा, ऊना- देलवाड़ा, आदि 7 तीर्थों की 9 बार यात्रा, सभी चातुर्मास तीर्थ-स्थानों। में किये । तप-क्षीरसमुद्र, 9 उपवास 9 बार, 14, 16, 11 उपवास, 5 उपवास 5 बार, मासक्षमण, चार, मोटां समव सरण, सिद्धितप, 36 ओली, सिद्धचक्र, वर्धमान ओली 43, अठाई 50, 40 उपवास में समाधियुक्त मरण । एक करोड़ महामंत्र का जाप, संवत् 2024 आबूरोड में दिवंगत, श्री निर्मला श्रीजी (एम. ए.) मातेश्वरी श्री महिमाश्रीजी विनयी, सेवाभाविनी, संवत् 2036 'हारीज' ग्राम में स्वर्गस्थ मासक्षमण, सिद्धितप, चत्तारि, सिंहासन, समवसरण, सहस्रकूट, वर्षीतप अठाई 6, संवत् 2042 अमदाबाद में दिवंगत जैन श्रमणियों का बृहद इतिहास
SR No.001693
Book TitleJain Dharma ki Shramaniyo ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijay Sadhvi Arya
PublisherBharatiya Vidya Pratishthan
Publication Year2007
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size24 MB
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