________________
जैन श्रमणियों का बृहद इतिहास 5.3.11.35 श्री नीतिपूर्णाश्रीजी (संवत् 2026-स्वर्गस्थ)
जन्म संवत् 1983 माणसा, माता केशरबहन पिता केशरीमलजी, संवत् 2026 वैशाख शुक्ला 10 मालवाड़ा में दीक्षा, गुरूणी श्री त्रिलोचनाश्रीजी तपस्या-अट्ठाई, अट्टम, छट्ठ, वर्धमान तप की 20 ओली, सिद्धितप, 10 उपवास शिष्याएँ-श्री शीलपूर्णाश्रीजी, श्री कीर्तिरत्नाश्रीजी/420 5.3.11.36 श्री शीलपूर्णाश्रीजी (संवत् 2026)
जन्म संवत् 2016 मालवाड़ा (राजस्थान) माता नानुबहन पिता गेनमलजी। दीक्षा संवत् 2026 वैशाख शुक्ला दसमी, मालवाड़ा, गुरूणी श्री नीतिपूर्णाश्रीजी। अध्ययन छः कर्मग्रन्थ, योगशास्त्र, वीतराग स्तोत्र, सिन्दुर प्रकरण, व्याकरण, तर्कसंग्रह, प्राकृत, कम्मपयडी आदि। विहारक्षेत्र-मारवाड़, गुजरात आदि। शिष्याएँ-शासनरक्षिताश्रीजी, भावरक्षिताश्रीजी, तपस्या-4, 5 उपवास, वर्धमान ओली 20, वर्षीतप, बीस स्थानक आदि।421
5.3.11.37 श्री पूर्णमालाश्रीजी (संवत् 2026 से वर्तमान)
जन्म संवत् 2011 मालवाड़ा, माता नानूबहन पिता गेनमलजी, दीक्षा 2026 वैशाख शुक्ला 10 मालवाड़ा, गुरूणी श्री प्रसन्नप्रभाश्रीजी, छः कर्मग्रन्थ, वैराग्यशतक, वीतराग स्तोत्र आदि। तप- 5 उपवास, वर्धमान ओली 25, बीस स्थानक। शिष्याएँ - कौशल्यदर्शिताश्रीजी, श्री पूर्णदर्शिताश्रीजी।422 5.3.11.38 श्री रत्नकलाश्रीजी (संवत् 2027 से वर्तमान)
संवत् 2007 चाणस्मा में जन्म, माता भगवती बहन, पिता कंचनलाल, दीक्षा संवत् 2027 मृगशिर कृष्णा । चाणस्मा, गुरूणी श्री चंद्रकलाश्रीजी, अध्ययन बृहत् संग्रहणी, हिंदी विशारद, गुजराती, हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, प्राकृत, मेवाड़ी आदि बहुविध भाषाविद्। तप-वर्धमान ओली 20, नवपद ओली, पंचमी, एकादशी तप। विचरण-मेवाड़, मालवा, महाराष्ट्र, बिहार, बंगाल , मुंबई, गुजरात आदि।423 5.3.11.39 श्री अमितप्रज्ञाश्रीजी (संवत् 2027 - वर्तमान)
जन्म संवत् 2006 साबरमती, माता सुशीलाबहन पिता अजितलाल शाह, संवत् 2027 माघ शुक्ला 4 साबरमती में दीक्षा। गुरूणी श्री चंद्रोदयाश्रीजी। तपस्या- 11, 16 उपवास, मासक्षमण, बीस स्थानक, नवपद ओली, वर्धमान ओली 13, वर्षीतप आदि। विहार क्षेत्र-गुजरात, सौराष्ट्र, महाराष्ट्र, मारवाड़, मुंबई आदि। शिष्याएँ-श्री मौलिकरत्नाश्रीजी, पुनीतप्रज्ञाश्रीजी, मुक्तिरसाश्रीजी, चित्तदर्शिताश्रीजी, संवेगप्रज्ञाश्रीजी आदि।*24
420. वही, पृ. 651 421. वही. पृ. 651 422. वही, पृ. 651 423. वही, पृ. 652 424. वही, पृ. 652
436
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org