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जैन श्रमणियों का बृहद इतिहास
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30, 45 उपवास, सिद्धितप, श्रेणितप मासक्षमण, सिद्धितप
मासक्षमण, सिद्धितप. श्रेणीतप
विरक्ताश्रीजी मुक्तिप्रज्ञाश्रीजी प्रशमरताश्रीजी जयप्रज्ञाश्रीजी धर्मज्ञाश्रीजी मोक्षविदाश्रीजी
उपशमयशाश्रीजी उदितयशाश्रीजी
कीर्तिरेखाश्रीजी धर्मशीलाश्रीजी
रम्यशीलाश्रीजी
सिद्धितप, 500 आयंबिल एकांतर - सिद्धितप, 500 आयंबिल एकांतर __- सिद्धितप, 500 आयंबिल, 3 उपधान, अठाई, सिद्धितप, नवपद ओली, वर्धमान तप
की 40 ओली, दो वर्षीतप, पंचमी, वीसस्थानक __ - सिद्धितप, अठाई, मासक्षमण, उपधान, वर्धमान तप चालु - उपधान, अठाई, नवपद ओली, वर्धमान तप की 12 ओली से ऊपर, मासक्षमण,
पंचमी, अक्षयनिधि, वर्षीतप, वीशस्थानक - उपधान, अठाई, धर्मचक्र, पंचमी, अक्षयनिधि, वर्धमानतप चालु
पंचमी, दशमी, नवपद ओली, उपधान, वर्धमान तप की 31 ओली, वर्षीतप, अठाई,
15 उपवास, छट्ठ से सात यात्रा - 8, 9, 11, 30 उपवास, पंचमी, दसमी, ग्यारस, उपधान, अक्षयनिधि, 500 आयंबिल
एकांतर, नवपद ओली, वर्धमान तप की 41 ओली (चालु) पंचरंगी, सिद्धितप, वर्षीतप, वीशस्थानक आदि 8, 9, 11, 30 उपवास, पंचमी, दसमी, ग्यारस, सिद्धितप, वर्षीतप, बीसस्थानक, भद्रतप, नवपद ओली, वर्धमान तप की 36 ओली(चालु) एकांतर 500 आयंबिल,
सिद्धाचल के 7 छ8, 2 अट्ठम, उपधान आदि। - 8, 9, 10, 16, 30, पंचमी, दसमी, नवपद ओली, वर्धमानतप ओली (चालु)
सिद्धितप, क्षीरसमुद्र, उपधान, अक्षयनिधि, स्वर्ग स्वस्तिक, छ8 से सात यात्रा आदि। पंचमी, दशम, ग्यारस, नवपद ओली, वर्धमान तप की 40 ओली (चालु), सिद्धितप, वर्षीतप, बीसस्थानक, छ8 से सात यात्रा, अठाई, मासखमण 4, 5, 6, 7, 8, 16, 30 उपवास, बीसस्थानक, बावन जिनालय, वर्षीतप, नवपद
ओली, वर्धमान तप की 25 ओली, 45 आगम 14 पूर्व नवकारमंत्र आदि के एकाशन, पंचमी, अष्टमी, दशम, ग्यारस, चौदस, पूनम। 9, 10, 12, 13, 15, 16, 21, 30 उपवास, 8 अठाई, 10 अट्ठम, सिद्धितप, समवसरण, चत्तारि, अट्ठ दस दोय, पंचरंगी, वर्षीतप, डेढ़मासी, सिद्धाचल तप, ज्ञानपंचमी, पोषदशमी, वर्धमान तप ओली 40 (चाल) नवपदओली एक धान्य से, कर्मसूदन, बीसस्थानक आदि।
भव्यशीलाश्रीजी
अभिज्ञाश्रीजी
आर्यव्रताश्रीजी
शुभ्रयशाश्रीजी
सुसंयताश्रीजी
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