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श्रीमान आनंदी लाल जी मेहता (राज.)
संदेश
साध्वी तीर्थ का इतिहास एवं आगम ग्रंथों में उनके प्रमाण बीज रूप में ही उपलब्ध है, जैनधर्म अनेक मतों गच्छों और संप्रदायों में विभक्त होने से साध्वी संघ का क्रमबद्ध इतिहास कहीं भी नहीं मिलता। ताड़पत्रों और भोजपत्रों में से उनका संग्रह करना अत्यंत कठिन ही नहीं वरन् असंभव जैसा लगता है। यद्यपि भिन्न-भिन्न संप्रदायों में उन्हीं से संबंधित कुछ अंश मिल जाते हैं, परंतु संपूर्ण जैन समुदाय की दृष्टि से उसका शोधन करना अत्यंत दुःसाध्य कार्य है। महासती श्री विजयश्री जी ने सभी सम्प्रदायों में तथा गच्छ भेद के पूर्व भी जितना उपलब्ध हो सका, अने अथक परिश्रम के साथ लगभग 20 हजार साध्वियों के नाम संग्रहित किये, उनमें से लगभग 8 हजार से अधिक साध्वियों के नाम संग्रहित किये, उनमें से लगभग 8 हजार से अधिक साध्वियों के उपलब्ध योगदानों का संकलन कर जैन इतिहास जगत में आदर्श उपस्थित किया। साथ ही हजारों वर्षों की कमी को भी पूर्ण किया है, इसके लिये वे समग्र जैन समाज की ओर से अभिनंदन की पात्र है।
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आनंदीलाल मेहता, उदयपुर (वरिष्ठ स्वाध्यायी)
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