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संदेश
साध्वी श्री ने बहुत ही श्रम साध्य कार्य किया है, यह ग्रन्थ एक सन्दर्भ ग्रन्थ की तरह महत्त्व स्थापित करेगा, ऐसा विश्वास है।
संदेश
महाश्रमणी साध्वी श्री विजय श्री जी " आर्या" का शोध प्रबंध "जैन धर्म का श्रमणी संघ व उसका योगदान" कृति देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इस ग्रन्थ में प्रागैतिहासिक काल से लेकर वर्तमान काल तक सभी जैन परंपराओं की साध्वियों का ऐतिहासिक अध्ययन प्रस्तुत किया गया है। ग्रन्थ को देखकर हम इस कृति को "साध्वियों के विश्वकोश" की संज्ञा दे सकते हैं। आज तक किसी भी विद्वान ने साध्वी परंपरा पर इतने विशाल स्तर पर शोध कार्य नहीं किया। साध्वी श्री जी की यह कृति जैन समाज की एक सर्वमान्य ऐतिहासिक धरोहर है। इसमें साध्वी श्री जी का कठोर परिश्रम झलकता है। हम साध्वी श्री विजय श्री जी की इस अमूल्य कृति को जैन साध्वी जगत के इतिहास की क्रांतिकारी कृति मानकर उन्हें वंदन करते हैं, और साधुवाद समर्पित करते हैं।
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रवीन्द्र मुनि
( श्रमण संघीय उपाध्याय)
रविंद्र जैन, पुरुषोत्तम जैन (पंजाबी जैन लेखक, मालेरकोटला)
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