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________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only (www.jainelibrary.om 972 क्रम सं दीक्षा क्रम साध्वी नाम 344. 345. 346. 347. 348. 349. 350. 351. 353. 354. 418 420 357. 421 352. 432 358. 423 425 426 428 430 433 355. 436 356. 437 435 438 439 श्री प्रभावना श्रीजी श्री मुक्तिप्रभाजी श्री उर्मिलाश्रीजी श्री विशदप्रज्ञाजी श्री सिद्धप्रज्ञाजी 2007 लाडनूं श्री अरुणप्रज्ञाजी श्री कीर्तिलताजी 2007 जोधपुर 2012 बैंगलौर 2013 बैंगलौर श्री शांतिलताजी श्री संगीत श्रीजी जन्मसंवत् स्थान 2011 टमकोर 2002 चूरू 2011 गंगाशहर सोहनलालजी बुच्चा 2030 का. शु. 3 2006 बीदासर झूमरमलजी सिंधी पिता नाम गोत्र बुद्धमलजी भंसाली डेडराजजी कोठारी 2031 का. शु. 6 चंदनमलजी गोलछा 2031 का. शु. 6. भंवरलालजी सुराणा राजमलजी सकलेचा राजमलजी सकलेचा हुकमचंदजी दूगड़ 4 श्री संवेगश्रीजी 2012 डूंगरगढ़ ऋद्धकरणजी बाफणा 2031 मा. शु. 12 ० श्री धर्मलताजी 2007 सरदारशहर भंवरलालजी बोथरा 2031 चै. कृ. 4 श्री रजतरेखाजी 2007 लाडनूं 4 श्री दीपमालाजी 2010 ऊमरा 2010 डूंगरगढ़ दीक्षा संवत् तिथि 2029 मा. शु. 5 2030 का. शु. 3 श्री ललिताश्रीजी 2012 टमकोर श्री कविता श्रीजी 2018 चूरू 2031 का. शु. 6 2031 का. शु. 6. 2031 का. शु. 6 2031 मा. शु. 12 2031. कृ. 4 श्रीचंदजी वैद जगदीशराय मित्तल 2031 चै. कृ. 4 दीपचंदजी चोरड़िया 2031 चै. कृ. 4 लालचंदजी सुराणा 2031 चै. कृ. 4 दीक्षा स्थान मोमासर हिसार हिसार दिल्ली दिल्ली दिल्ली दिल्ली दिल्ली लाडनूं विशेष- विवरण यथोचित अध्ययन, तप संख्या 403 यथोचित ज्ञानार्जन, तप से 9 तक लड़ीबद्ध, कुल संख्या 753 यथोचित अध्ययन, परीक्षाओं में प्रथम श्रेणी, स्वाध्याय प्रतिदिन 1000 गाथा, तप संख्या 337 दीक्षा में चारों संप्रदाय के आचार्य व साधु साध्वी थे। अध्ययन यथोचित लाडनूं लाडनूं शिक्षा केन्द्र में शोधकार्य में निरत, कई साध्वियव श्राविकाओं के संवारे में सहयोगिनी संवत् 2037 में गण से बहिर्भूत अध्ययन यथोचित, 1 से 9 तक लड़ीबद्ध तप यथोचित ज्ञानाभ्यास, तप-सैकड़ों उपवास, अठाई । श्री दूगरगढ़ श्री डूंगरगढ़ यथोचित ज्ञानाभ्यास, तप उपवास सैकड़ों, तप की संख्या 1089 लाडनूं लाडनूं लाडनूं यथोचित ज्ञानार्जन, कार्यकुशल, 1 से8 लड़ीबद्ध उपवास संख्या 1158 वर्षीतप अन्य तप यथोचित ज्ञानाभ्यास, तप की संख्या बेले से आठ तक 88, उपवस सैंकड़ों संवत् 2057 मानसामंडी में स्वर्ग प्रस्थान यथोचित शिक्षण, कार्यकुशल, तप संख्या 1130 यथोचित अध्यास, कार्यदक्ष, उपवास सैकड़ों, 2 से 9 तक तप संख्या 139, आयबल 108 संवत् 2035 में गण से मुक्त जैन श्रमणियों का बृहद इतिहास
SR No.001693
Book TitleJain Dharma ki Shramaniyo ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijay Sadhvi Arya
PublisherBharatiya Vidya Pratishthan
Publication Year2007
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size24 MB
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