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________________ Jain Education International 945 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org क्रम सं दीक्षा क्रम साध्वी- नाम 1. 2. 3. 4. 5. 6. 7. 8. 9. 10. 11. 12. 1 2 3. 4 5 6 7 8 10 12 14 आचार्य श्री तुलसीगणीजी के शासनकाल की श्रमणियाँ (संवत् 1993.2052 ) 34 विशेष विवरण पिता नाम गोत्र दीक्षा संवत् तिथि दीक्षा स्थान फूलचंदजी पोरवाल 1993 का. कृ. 7 गंगापुर कंठकला मधुर, रसीली लिपि कुशल, संवत् 2031 से गण से पृथक् लिछमीलाल नौलखा 1993 मा. शु. 6 गणपतरामजी सिपाणी मालचंदजी बोथरा 16 4 श्री जतनकंवरजी श्री दाखांजी श्री लिछमांजी 0 श्री सुंदरजी श्री गुलाबांजी 4 श्री चांदकंवरजी 4 श्री मनोहरांजी श्री मोहनांजी 4 श्री केशरजी 4 श्री छोटा जी 4 श्री रूपांजी जन्मसंवत् स्थान 1981 उदयपुर 1964 गंगापुर 1966 नोहर 1967 सरदारशहर 1968 भादरा 1976 हांसी 1976 भादरा 1976 नोहर 1980 किराड़ा हरखचंदजी बैद सोहनलालजी जिन्दल सुगनचंदजी नाहटा 1983 लाडनूं श्री सिरेकंवरजी 1962 राजगढ़ 1993 मा. शु. 6 1993 मा. शु. 6 1976 सुजानगढ़ लिखमीचंदजी जैन 1993 मा. शु. 6 गणपतराम सीपानी 1993 मा. शु. 6 मोखचंदजी नाहटा 1993 मा. शु. 6 नेमीचंदजी पटावरी 1993 मा. शु. 6 तनसुखदासजी नाहटा 1994 का. कृ. 8 1993 मा. शु.6 1993 मा. शु. 6 1993 मा. शु. 6 ब्यावर ब्यावर ब्यावर ब्यावर ब्यावर ब्यावर ब्यावर ब्यावर ब्यावर ब्यावर बीकानेर 34. मुनि नवरत्नमलजी शासन-समुद्र भाग-20-25. आदर्श साहित्य संघ, नई दिल्ली ईसवी सन् 2001 (प्र.सं.) * नोट : श्री तुलसीगणीजी की श्रमणियों का संवत् 2057 तक का विवरण ही उपलब्ध हुआ है। तप संख्या 2975, आछ से 66 दिन तप, संवत् 2044 राजलदेसर में स्वर्गस्थ संवत् 2016 मोखणुंदा में स्वर्गस्थ कुल तप संख्या 1750, तेले के साथ संवत् | 2031 लाडनूं में स्वर्गवास संवत् 2031 लाडनूं में स्वर्गस्थ 22 आगम 11 व्याख्यान की प्रतिलिपि, तप संख्या 115, स्वाध्याय दो हजार गाथा प्रतिदिन उपवास 1980 एक से 15 तक क्रमबद्ध उपवास, प्रतिवर्ष मौन का कर्मचूर रसत्यागिनी उपवास 1381, एक से 15 तक क्रमबद्ध उपवास, संवत् 2025 पीलीबंगा में स्वर्गवास दशवैकालिक, उत्तराध्ययन, बृहत्कल्प तथा चरित्र आदि कंठस्थ, डूंगरगढ़ में स्थिरवास यथोचित ज्ञान, 24 शास्त्र वाचन, प्रतिदिन 500 गाथाओं का स्वाध्याय, तप दिन 522 यथाशक्य ज्ञान, कई आगम, ग्रंथ लिपिबद्ध, कुल तप दिन 2127, अग्रणी, श्रमशीला यथाशक्य ज्ञान, उपवास 5652 क्रमबद्ध तप 11 तक, संवत् 2043 डूंगरगढ़ में दिवंगत तेरापंथ परम्परा की श्रमणियाँ
SR No.001693
Book TitleJain Dharma ki Shramaniyo ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijay Sadhvi Arya
PublisherBharatiya Vidya Pratishthan
Publication Year2007
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size24 MB
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