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________________ Jain Education International तेरापंथ परम्परा की श्रमणियाँ 198 199 For Private & Personal Use Only क्रम सं| दीक्षा क्रम साध्वी-नाम जन्मसंवत् स्थान | पिता-नाम गोत्र दीक्षा संवत् तिथि | दीक्षा स्थान | विशेष-विवरण 148. |195 श्री संतोकांजी |1977 सरदारशहर | नथमलजी बांठिया |1988 का. शु. 2 बीदासर चार बार आगम बत्तीसी पढ़ी,हजार गाथाओं का रोज स्वाध्याय, तप के दिन 1123 श्री रतनकंवरजी |1976 राजगढ़ तनसुखदासजी नाहटा | 1988 का. शु. 2 बीदासर 150. श्री गणेशांजी 1953 सुजानगढ़ | हणूतमलजी सेठिया |1988 मा. कृ. 10 लाडनूं | अग्रणी, हजारों गाथाओं का पुनरावर्तन, तप के कुल दिन 2528, संवत् 2034 रतनगढ़ में दिवंगत श्री रतनकंवरजी 1977 लाडनूं ऋद्धकरणजी बोरड़ |1988 मा. कृ. 10 लाडनूं अग्रणी,विदुषी 152. श्री मोहनांजी | 1975 सरदारशहर | भैंरुदानजी आंचलिया |1988 मा. शु. 5 छापर संवत् 2005 सप्तदिवसीय चौविहारी अनशन के साथ राजलदेसर में दिवंगत 153. | श्री सुवटांजी 1964 बीदासर | भीवराजजी सेखाणी |1988 फा. शु. 2 | बीदासर कंठस्थ-15 स्तोक, 100 गीतिकाएं, तप दिन कुल 2075, संवत् 2039 से लाडनूं में स्थायी श्री भत्तूजी |1975 भादरा लूनकरणजी नाहटा |1988 ज्ये. कृ.3 राजगढ़ |श्री पानकंवरजी |1975 राजगढ़ | रामलालजी पुगलिया |1988 ज्ये. कृ. 3 राजगढ़ संवत् 1997 लाडनूं में दिवंगत 205 श्री सुगनांजी 1964 डूंगरगढ़ | दुलीचंदजी कुंडलिया |1989 का. कृ.9 सरदारशहर | कंठस्थ-200 गीत, स्तोक, संवत् 2027 से अचक्षु, तप दिन 1180 157. 1206 श्री नाथांजी 1967 सरदारशहर| किसनचंदजी सामसुखा| 1989 का. कृ.9 | सरदारशहर | कुल तप दिन 2437,रोज 500 गाथाओं का स्वाध्याय | श्री लिछमांजी |1967 अली | हनूतमलजी 1989 का. कृ.9 | सरदारशहर |1 से 23 तक लड़ीबद्ध तप,28,29,30,31 मोहम्मद का तप, कुल तप के दिन 4814 159. | 208 श्री रामजी 1968 सिरसा | हुकमचंदजी डागा | 1989 का. कृ.9 सरदारशहर | कुछ स्तोक,32 सूत्रों का वाचन, तप के दिन 4399, आयंबिल 200 दिन श्री मनोरांजी | 1973 मोमासर | पूरणचंदजी सेठिया | 1989 का. कृ.9 सरदारशहर 25 स्तोक, 25 व्याख्यान, 150 गीत, तप के दिन 2063 161. |श्री केशरजी |1977 डूंगरगढ़ | जीवरामजी मालू 1989 का. कृ. 9 162. श्री मूलांजी |1961 उदासर | गोविन्दरामजी मुणोत | 1989 का. शु. 13 सरदारशहर सेवाभाविनी, तप के कुल दिन 1916 158. | 207 160. 1209 210 www.jainelibrary.org
SR No.001693
Book TitleJain Dharma ki Shramaniyo ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijay Sadhvi Arya
PublisherBharatiya Vidya Pratishthan
Publication Year2007
Total Pages1076
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Biography
File Size24 MB
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