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तेरापंथ परम्परा की श्रमणियाँ
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सरदारशहर
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क्रम सं| दीक्षा क्रम साध्वी-नाम जन्मसंवत् स्थान | पिता-नाम गोत्र दीक्षा संवत् तिथि | दीक्षा स्थान | विशेष-विवरण
श्री सूवटांजी |1974 लाडनूं जीवनमल जी खटेड | 1985 का. कृ.7 | छापर संवत् 2036 लाडनूं में दिवंगत श्री चौथांजी |1966 रतनगढ़ सूरजमलजी गोलछा 1985 का. शु. 13 छापर सजोड़े दीक्षा, कुछ बोल व्याख्यान कंठस्थ
श्री फूलांजी | 1959 गोगुंदादीपचंदजी कुणावत |1985 चै. कृ.7 पड़िहारा संवत् 1986 में गण से पृथक् । |oश्री राजकंवरजी 1977 गोगुंदा चंपालालजी चौरड़िया 1985 चै. कृ. 7 पड़िहारा कंठस्थ 5 शास्त्र, कई थोकड़े स्तोत्र व्याकरण
आदि, तप दिन 1053 0श्री नानूंजी 1957 सरदारशहर बुधमलजी गोठी |1985 ज्ये. शु. 4 सरदारशहर | तप के कुल दिन 2581,संवत् 2025 जसोल
में समाधिमरण श्री झमकूजी - सुजानगढ़ |- दूधोड़िया 1985 ज्ये. शु.4 सरदारशहर | संवत् 1997 लाडनूं में दिवंगत 123. |श्री केशरजी | 1960 रतनगढ़ बालचंदजी बोथरा | 1985 ज्ये. शु. 4 सरदारशहर | अग्रणी, तप के दिन 1384,
संवत् 2028 गंगाशहर में दिवंगत 124. 0श्री वृद्धांजी | 1965 डूंगरगढ़ गोविन्दरामजी सेठिया 1985 ज्ये. शु. 4
| सजोड़े दीक्षा संवत् 1994 चाड़वास में दिवंगत 125. |श्री सुंदरजी |1964 सरदारशहर | इन्द्रचंद्रजी बोथरा |1985 ज्ये. शु.4 सरदारशहर 19 दिन का संयम,
संवत् 1985 बीदासर में स्वर्गस्थ |श्री मनोरांजी 1964 पड़िहारा नेमीचंदजी सुराणा |1985 ज्ये. शु. 4 | सरदारशहर कंठस्थ 10 व्याख्यान, 40 स्तोक, तप के |
दिन 4934, एक हजार गाथा का स्वाध्याय |श्री लिछमांजी 1964 सरदारशहर | लालचंदजी चंडालिया 1985 ज्ये. शु. 4 सरदारशहर | संवत् 2020 लाडनूं में दिवंगत |श्री सुन्दरजी |1966 सरदारशहर |अगरचंदजी दूगड़ |1985 ज्ये. शु.4
| हस्तकला में दक्ष, साहसी सहिष्णु, तप दिन 988,सर्पदंशसे संवत् 2009 बड़ी रावलिया
में स्वर्गस्थ 10 श्री लाधूजी |1969 सरदारशहर | नथमलजी बांठिया |1985 ज्ये. शु.4 | सरदारशहर सजोड़े दीक्षा, हजारों पद्य कंठस्थ,
तप दिन 3244,स्वाध्यायी,सेवाभाविनी श्री छगनांजी 1971 सरदारशहर | संपतरामजी लूनिया |1985 ज्ये. शु. 4 सरदारशहर यथाशक्य ज्ञानार्जन,तप के कुल दिन 1347 श्री सोहनांजी 11972 सरदारशहर | भैंरुदानजी आंचलिया| 1985 ज्ये. श.4 | सरदारशहर | 14 दिन के चौविहार अनशन के साथ संवत् |
2012 दौलतगढ़ में कार्यसिद्ध |श्री पानकंवरजी |1974 सरदारशहर | संपतरामजी लूनिया | 1985 ज्ये. शु. 4 | सरदारशहर | कंठस्थ-4 सूत्र, स्तोत्र, आगम बत्तीसी का
वाचन, 1200 गाथाओं का स्वाध्याय, तप दिन 1523
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सरदारशहर
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