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समीक्षा', पं० बेचरदास दोशी स्मृति ग्रन्थ, वाराणसी १९९० ई०, हिन्दी खण्ड, पृष्ठ १-७. प्रो० सागरमल जैन एवं प्रो० एम०ए० ढांकी, “रामपुत्त या रामगुप्त: सूत्रकृताङ्ग
के संदर्भ में', पं० बेचरदास दोशी स्मृतिग्रन्थ, पृ० ८-११. ७. (i) स्थानांग १०, (ii) समवायांग, (iii) नन्दी, (iv) नन्दीचूर्णि,
(v) तत्त्वार्थभाष्य १, (vi) सर्वार्थसिद्धि, (vii) धवला, (viii) जयधवला। ८. प्रो० सागरमल जैन, 'अन्तकृद्दशा की विषयवस्तु', पं० दलसुखभाई
मालवणिया अभिनन्दन ग्रन्थ, वाराणसी १९९१ ई०; हिन्दी खण्ड, पृष्ठ १२-१८.
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