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१५२ जीवसमास
१२१ जीवसमास जीवसमास
१२५ जीवसमास जीवसमास जीवसमास
१२३ जीवसमास
१२४ जीवसमास
१२७ जीवसमास जीवसमास जीवसमास
१३३ जीवसमास जीवसमास जीवसमास जीवसमास
१९२ जीवसमास जीवसमास जीवसमास
९८ जीवसमास
१०३ जोइसकरंडग पइण्णयं* ८३ जोइसकरंडग पइण्णयं ८४ जोइसकरंडग पइण्णयं* ९५ ज्योतिष्करण्डक प्रकीर्णक ७९ ज्योतिष्करण्डक प्रकीर्णक ७३ ज्योतिष्करण्डक प्रकीर्णक ७४ तित्थोगालीपइण्णयं तित्थोगालीपइण्णयं तित्थोगालीपइण्णयं तित्थोगालीपइण्णयं तित्थोगालीपइण्णयं ४६
प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार प्रवचनसारोद्धार
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१०३७
१०६७
* डॉ. श्री प्रकाश पाण्डेय द्वारा निर्दिष्ट गाथाओं के क्रमांक मुनि पद्मसेन विजयजी द्वारा दिये गये गाथा क्रमांक से भिन्न है । हो सकता है यह भिन्नता संस्करण भेद के कारण हो इनमें दस गाथाओं का अन्तर है । पद्मसेन विजयजी के संस्करण में इनका क्रमांक क्रमश: ७३, ७४ एवं ८५ है ।
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