SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 267
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 1 2. 3. 4. 5. 6. 7. आवश्यक नियुक्ति, 3 ईहा अपोह वीमंसा, मग्गणा य गवेसणा । सण्णा सई मई पण्णा सव्वं आभिनिबोहियं । । - आवश्यक निर्युक्ति, 12 आवस्सस्स दसकालिअस्स तह उत्तरज्झमायारे । सूयगडे निज्जुत्तिं वृच्छामि तहा दसाणं च । । कप्पस य निज्जुतिं ववहारस्सेव परमणि णस्स । सुरि अपण्णत्तीए वुच्छं इसिभासियाणं च । । - आवश्यकनिर्युक्ति, 84, 85 इसिभासियाइं (प्राकृत भारती, जयपुर), भूमिका, सागरमल जैन, पृ. 93 बृहत्कथाकोश (सिंघी जैन ग्रन्थमाला) प्रस्तावना ए. एन. उपाध्ये, पृ. 31 आराधना तस्या निर्युक्तिराधनानिर्युक्तिः । की टीका ( भारतीय ज्ञानपीठ 1984) गोविंदाणं पि नमो अणुओगे विउलधारणिंदाणं । - नन्दिसूत्र स्थविरावली, गा. 41 व्यवहारभाष्य, भाग 6, गा. 267-268 10. सो य हेउगोवएसो गोविन्दनिज्जुत्तिमादितो... । दरिसणप्पभावगाणि सत्याणि जहा गोविंदनिज्जुत्तिमादी । 9. • आवश्यकचूर्णि भाग 1, पृ. 31, 353, भाग 2, पृ. 201, 322 11. गोविंदो... पच्छातेण एगिंदिय जीव साहणं गोविंद निज्जुतिकया । 8. ( अ ) निज्जुत्ता ते अत्था, जं बद्धा तेण होइ णिज्जुस्ती । आवश्यकनिर्युक्ति, गाथा 88 (ब) सूत्रार्थयो परस्पर निर्योजनं सम्बन्धनंनिर्युक्तिः सन्दर्भ अत्थाणं उग्गहणं अवग्गहं तह विआलणं इहं । आवश्यक नियुक्ति टीका हरिभद्र, गाथा 83 की टीका - Jain Education International मूलाचार, पंचाचाराधिकार, गा. 279 निशीथ भाष्य गाथा 3656, निशीथचूर्णि भाग 3, पृ. 260, भाग 4, पृ. 96 12. नन्दीसूत्र, (सं. मधुकरमुनि) सूत्रसंख्या, 13 (अ) प्राकृतसाहित्य का इतिहास, डॉ. जगदीश चन्द्रजैन, पृ. (ब) जैनसाहित्य का बृहद् इतिहास, भाग 3, डॉ. मोहनलाल मेहता, पृ.6 14. आवश्यकनिर्युक्ति, गाथा 84, 85 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001684
Book TitleSagar Jain Vidya Bharti Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain
PublisherParshwanath Shodhpith Varanasi
Publication Year1994
Total Pages310
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Articles
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy