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________________ समाप्यतत्त्वार्थाधिगमसूत्रम् - के भेदों का वर्णन इन्द्रियोंकी संख्या और उनकी इयत्ता - सीमा इन्द्रियों के सामान्य भेद द्रव्येन्द्रियका आकार और भेद भावेन्द्रियके भेद और उनका स्वरूप उपयोग शब्दसे कौनसा उपयोग लेना चाहिए ? पाँच इन्द्रियोंके नाम पाँच इन्द्रियों का विषय अनिन्द्रियोंका विषय किस किस जीव कौन कौनसी इन्द्रियाँ होती है ? किस किस जीवनिकाय के कौन कौनसी इन्द्रियाँ होती हैं ? दो आदिक इन्द्रियाँ किन किनके होती हैं ? समनस्क जीव कौनसे हैं ? अनिन्द्रियकी अपेक्षा जीवका नियम जो जीव एक शरीरको छोड़कर शरीरान्तरको धारण करनेके लिये गमन करते हैं, उनके कौनसा योग पाया जाता है ? जीवों को यह भवान्तरप्रापिणी - गति किसी तरह नियमबद्ध है, अथवा अनियत ? इस शंकाका समाधान पंचभगति - मोक्षका नियम वागति किस प्रकार होती है, उसमें कितना काल लगता है ? भवान्तर जाते समय जीवको कालकी अपेक्षा कितना समय लगता है ? अनाहारकताका काल कितना है ? जन्मके तीन भेद - सम्मूर्छन, गर्भ और उपपातका स्वरूप कहाँपर जीव सम्मूर्छन जन्मको, कहाँ पर गर्भजन्मको और कहाँपर उपपातजन्मको धारण करते हैं ? किस किस जीवके कौन कौनसा जन्म होता है ? उनके स्वामी कौन हैं ? Jain Education International यद्यपि इन दोनोंका सम्बन्ध अनादि है, परन्तु ये सभी संसारी जीवोंके पाये जाते हैं, या किसी किसी के ? इस प्रश्नका उत्तरदोनों शरीरोंका सम्बन्ध अनादि है, वह सभी जीवके युगपत् पाया जाता है, इसी तरह अन्य शरीर भी एक जीवके एक ही कालमें पाये जाते हैं या नहीं ? यदि पाये जाते हैं, तो पाँचों शरीरोंमेंसे कितने शरीर युगपत् एक जीवके रह सकते हैं ? इन शरीरोंका प्रयोजन क्या है ? अन्तिम कार्म१०१ | शरीरका वर्णन इन शरीरोंमेंसे कौनसा शरीर किस जन्ममें हुआ करता ? अर्थात् किस किस जन्मके द्वारा कौन कौनसा शरीर प्राप्त हुआ करता है ? वैक्रियशरीरका जन्म किनके होता है ? | वैक्रियशरीर औपपातिकके सिवाय, अन्य प्रकारका भी होता है उपपादजन्म के स्वामी सम्मूर्छन जन्म के स्वामी पूर्वोक्त योनियोंमें उपर्युक्त जन्मोंके धारण करनेवाले जीवों के शरीर कितने प्रकार के हैं ? क्या क्या लक्षण हैं ? ८७ औदारिकशरीर स्थूल है, इससे शेष शरीर सूक्ष्म ८८ है, परन्तु यह सूक्ष्मता कैसी है ? शेष चारों ८९ ही शरीरों की सूक्ष्मता सदृश है, अथवा विसदृश ? १११ ८९ शरीरों में जब उत्तरोत्तर सूक्ष्मता है, तो उनके प्रदेशोंकी संख्या भी उत्तरोत्तर कम होगी ? इस शंकाका समाधान ९० ९१ ९३ तैजस और कार्माणशरीर के प्रदेशोंमें विशेषता ९३ | अन्तके दो शरीरोंमें और भी विशेषता है ९५ औदारिक आदि तीन शरीरोंका सम्बन्ध कभी पाया जाता है, और कभी नहीं पाया जाता, ऐसा ही इन दो शरीरों के विषय में भी है क्या ? इस ९६ | शंकाका समाधान ९५ ९६ ९७ ९५ १०० १०१ १०२ १०३ १०५ १०६ १०८ १०९ १०९ ११० आहारकशरीरका लक्षण और उसके स्वामी किस किस गतिमें, कौन कौनसा लिंग पाया जाता है ? जिन जीवों में नपुंसकलिंगका सर्वथा अभाव पाया जाता है, उनका अर्थात् देवोंका वर्णन चतुर्गति संबंधी प्राणियोंने अपनी पूर्व आयुका बंधन किया, उस आयुको परिपूर्ण भोगकर नवीन शरीर धारण करते हैं, या और प्रकारसे ? इति द्वितीयोऽध्यायः ॥ २ ॥ For Private & Personal Use Only ११२ ११३ ११३ ११४ ११४ ११५. ११७ ११९ १२० १२० १२० १२९ १३० १३२ www.jainelibrary.org
SR No.001680
Book TitleSabhasyatattvarthadhigamsutra
Original Sutra AuthorUmaswati, Umaswami
AuthorKhubchand Shastri
PublisherParamshrut Prabhavak Mandal
Publication Year1932
Total Pages498
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, Tattvartha Sutra, Tattvartha Sutra, & Tattvarth
File Size12 MB
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