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जैन विधि-विधान सम्बन्धी साहित्य का बृहद् इतिहास/37
| ४२ व्रतोद्योतनश्रावकाचार (सं.) अभदेव
४३ श्रावकव्रतधारणविधि (हि.) घोगमलचौपड़ा
४४ श्रावकाचारसारोद्धार (सं.) आ. पयनन्दि ४५ श्रावकप्रज्ञप्ति (प्रा.) आ. हरिभद्र ४६ श्रावकप्रायश्चित्तविधि अज्ञातकृत
४७ श्रावकप्रायश्चित्त ४८ श्रावकदिनकृत्य ४६ श्रावकदिनकृत्य
तिलकाचार्य गुणसागरशिष्य अज्ञातकृत
५० श्रावकधर्मतन्त्र
हरिप्रभसूरि
वि.सं. १५५६ से १५६३ वि.सं. २०-२१ वीं शती वि.सं. १४ वीं शती वि.सं. ८ वीं शती लग. वि.सं. १३ वीं शती लग. १२ वीं शती लग. १५ वीं शती लग. वि.सं. १५-१६ वीं शती लग. वि.सं. १५-१६ वीं शती लग. वि.सं. १२-१४ वीं शती लग. वि.सं. १३ वीं शती लग. वि.सं. १२-१३ वीं शती वि.सं. ८ वीं शती वि.सं. १३१३ लग. वि.सं. १२-१३ वीं शती वि.सं. ८ वीं शती वि.सं. १२ वीं शती
५१ श्रावकधर्मविधि
धनपाल
५२ श्रावकधर्मविधि
धर्मचन्द्रसरि
५३ श्रावकधर्मकुलक
देवसूरि
५४ श्रावकधर्मविधिप्रकरण (प्रा.) आ. हरिभद्र ५५ श्रावकधर्म
जिनेश्वरसूरि ५६ श्रावकसामाचारी
देवगुप्ताचार्य
हरिभद्रसूरि
५७ श्रावकसामाचारी | ५८ श्रावकसामाचारी
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