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________________ आचारदिनकर (खण्ड-४) 277 प्रायश्चित्त, आवश्यक एवं तपविधि दिन एकासन करे, दो कल्याणक हों, तो उस दिन नीवि करे। जिस दिन तीन कल्याणक हों, उस दिन आयम्बिल करे और जिस दिन चार कल्याणक हों, उस दिन उपवास करना चाहिए - ऐसा गीतार्थों द्वारा कहा गया है। इस प्रकार प्रतिवर्ष करते हुए सात वर्ष में यह तप पूरा होता है। कल्याणक-तप के दिनों का विवेचन आगमों (की टीकाओं) में भी किया गया है। कार्तिक कृष्णपक्ष पंचमी के दिन संभवनाथ भगवान का केवलज्ञान-कल्याणक, द्वादशी के दिन नेमिनाथ भगवान् का च्यवन-कल्याणक, इसी दिन पद्मप्रभु का जन्म-कल्याणक, त्रयोदशी के दिन पद्मप्रभु का दीक्षा-कल्याणक, एवं अमावस्या के दिन वीर परमात्मा का मोक्ष-कल्याणक आता है। कार्तिक शुक्ल पक्ष तृतीया के दिन सुविधिनाथ का तथा द्वादशी के दिन अरनाथ भगवान का ज्ञान-कल्याणक आता है। मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष पंचमी के दिन सुविधिनाथ का जन्म-कल्याणक, षष्ठी के दिन सुविधिनाथ का दीक्षा-कल्याणक, दशमी के दिन वीर परमात्मा का दीक्षा-कल्याणक एवं एकादशी के दिन पद्मप्रभु का मोक्ष-कल्याणक आता है। ____ मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष दशमी के दिन अरनाथ भगवान् का जन्म-कल्याणक, एवं मोक्ष-कल्याणक, एकादशी के दिन अरनाथ भगवान् का दीक्षा-कल्याणक, नमिनाथ भगवान् का ज्ञान-कल्याणक, मल्लिनाथ भगवान् का जन्म-कल्याणक, दीक्षा-कल्याणक एवं ज्ञान-कल्याणक, चतुर्दशी के दिन संभवनाथ का जन्म-कल्याणक एवं पूर्णिमा के दिन संभवनाथ का दीक्षा-कल्याणक आता है। पौष कृष्ण पक्ष दशमी के दिन पारसनाथ भगवान् का जन्म-कल्याणक, एकादशी के दिन पारसनाथ भगवान् का दीक्षा-कल्याणक, द्वादशी के दिन चंद्रप्रभु का जन्म-कल्याणक, त्रयोदशी के दिन चंद्रप्रभु का दीक्षा-कल्याणक एवं चतुर्दशी के दिन शीतलनाथ भगवान् का ज्ञान-कल्याणक आता है। पौष शुक्ल पक्ष षष्ठी के दिन विमलनाथ भगवान् का ज्ञान-कल्याणक, नवमी के दिन शांतिनाथ भगवान् का ज्ञान-कल्याणक, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001678
Book TitlePrayaschitt Avashyak Tap evam Padaropan Vidhi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMokshratnashreejiji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2007
Total Pages468
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Principle, Ritual, Vidhi, M000, & M010
File Size7 MB
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