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________________ आचारदिनकर (खण्ड-४) 140 प्रायश्चित्त, आवश्यक एवं तपविधि छिपाना २०. अशुभ भावों से दूसरों पर मिथ्या आक्षेप लगाना २१. प्राणी को धोखा देकर उसे भाले या डंडे से मारकर हँसना २२. प्रवेश के अयोग्य (निषिद्ध) स्थानों में प्रवेश करके प्राणियों के धन का हरण करना २३. विश्वास का खंडन करके किसी की स्त्री को लुभाना। २४. बाल ब्रह्मचारी न होने पर भी स्वयं को बाल ब्रह्मचारी कहना। २५. ब्रह्मचारी न होने पर भी स्वयं को ब्रह्मचारी कहना। २६. जिसका आश्रय पाकर समृद्धि को प्राप्त हुआ है, उसी के द्रव्य का अपहरण करना। २७. जिसका आश्रय पाकर समृद्धि को प्राप्त हुआ है, उन आश्रयदाताओं के लाभ में अन्तराय उत्पन्न करना २८. सेनापति, पालनकर्ता, कलाचार्य तथा धर्माचार्य को मार डालना २६. राष्ट्र के नायक या निगम के नेता को मार डालना ३०. देवदर्शन न होते हुए भी अपनी प्रतिष्ठा जमाने के लिए देवदर्शन की बात कहना। संक्लिष्ट भावों से इन सब दोषों का आचरण करने पर जीव महामोहनीयकर्म का बंध करता हैं। एकतीसाए सिद्धाय गुणेहिं - सिद्धों में रहने वाले गुणों को सिद्ध के गुण कहते हैं। वे एकतीस गुण निम्नलिखित हैं - १. संस्थान २. वर्ण ३. गन्ध ४. रस ५. स्पर्श एवं ६. वेद - इनके क्रमशः पाँच, पाँच, दो, पाँच, आठ एवं तीन भेद होने से कुल अट्ठाईस भेद होते हैं। २६. अतिचारत्व ३०. संघवर्जितत्व एवं ३१. जन्मित्व - ये सिद्धों के अभावात्मक एकतीस गुण हैं। इनमें शंका करना अतिचार है। बत्तीसाए योग संगहेहिं - निम्नलिखित बत्तीस योग का संग्रह नहीं करना - १. शिष्य का आचार्य के समक्ष दोषों की सम्यक् प्रकार से आलोचना करना २. आलोचना का परिपूर्ण रूप से पालन करना ३. आपत्ति आने पर भी धर्म में दृढ़ रहना। ४. इहलोक सम्बन्धी फल की आकांक्षा से तप करना ५. सूत्रार्थ ग्रहणरूप ग्रहण शिक्षा एवं प्रतिलेखना आदिरूप आसेवना-शिक्षा का अभ्यास करना। ६. शोभा-श्रृंगार नहीं करना ७. गुप्त तप करना ८. लोभ का त्याग करना ६. परीषहादि को सहन करना १०. सरलता ११. संयम Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001678
Book TitlePrayaschitt Avashyak Tap evam Padaropan Vidhi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMokshratnashreejiji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2007
Total Pages468
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Principle, Ritual, Vidhi, M000, & M010
File Size7 MB
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