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________________ जैन धर्म में आराधना का स्वरूप / 497 नाम सं. लेखक का नाम न्यायतीर्थ समिति भरतसागरजी म. संघ प्रज्ञापना सं. मुधकरमुनि १६६५ श्री आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर बारह भावना संग्रह बारस अणुवेक्खा बृहद्कल्पभाष्य बृहद्कल्पनियुक्ति भगवतीसूत्र पं. लादुराम महेन्द्र भवन, वी. सं. माणिकचन्द अजमेर मदनगंज, किशनगढ़ २५०५ (राज.) आ. कुन्दकुन्द कान्ताबेन छोटालाल वी.सं. वोरा प्रकाशन, मोटा २४६८ आंकडिया (सौराष्ट्र) सं. पुण्यविजयजी आत्मानंद जैन सभा, १६३३ भावनगर सं. पुण्यविजयजी आत्मानंद जैन सभा, १६३३ भावनगर घासीलालजी जैन शास्त्रोद्धार १६७१ समिति पं. कैलाशचन्द्र जैन संस्कृति संरक्षक १६७८ सिद्धान्तशास्त्री संघ, शोलापुर आर्यिकारत्न भारतीय ज्ञानपीठ १९८४ ज्ञानमतीजी प्रकाशन पं. टोडरमल पं. टोडरमल स्मारक १९८२ ट्रस्ट ए-४ बापूनगर, जयपुर (राज.) भिक्षु जगदीश नव नालंदा महाविहार काश्यप संस्करण भगवती- आराधना (दोनों भाग) मूलाचार (पूर्वार्द्ध) मोक्षमार्ग प्रकाशन मज्झिनिकाय गुणचन्द्र महावीरचरियं म समाधि आगमोदय समिति १६२७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001677
Book TitleJain Dharma me Aradhana ka Swaroop
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPriyadivyanjanashreeji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2007
Total Pages540
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Worship
File Size9 MB
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