SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 30
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ " प्राच्य विद्यापीठ" शाजापुर में जो-जो सुविधाएँ प्रदान की, उसके लिए मैं उनकी आभारी हूँ। इस शोध-प्रबन्ध का सपना सार्थक करने में उनका अमूल्य योगदान रहा है। निःसन्देह, शोध - ग्रन्थ के निर्माण का श्रेय उन्हीं को जाता है। मैं विनम्रभाव से उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करती हूँ। वस्तुतः, डॉ. सागरमलजी जैन की प्रेरणा, प्राच्य विद्यापीठ का विशाल पुस्तकालय एवं शान्त वातावरण इस लक्ष्य की प्राप्ति में सर्वाधिक सहायक सिद्ध हुए हैं। मैं बड़ौदरा निवासी पूर्णिमाबेन धर्मपत्नी नरेशजी पारख के अगाध ज्ञानप्रेम एवं गुरुभक्ति को भी विस्मृत नहीं कर सकती हूँ। उन्होंने मुझे अहमदाबाद, मुम्बई, सांचौर, आदि स्थानों से शोध-प्रबन्ध हेतु अध्ययन सामग्री जुटाने में भी सहयोग दिया है, साथ ही अन्य सेवाओं का भी सम्पूर्ण लाभ दिया है। आपकी यह सेवाभावना प्रशंसनीय है। आप साधुवाद की पात्र हैं। इसके साथ ही प्रकाशचन्दजी कटारिया (रेणिगुण्टा ) एवं हेमचन्दजी मनोजकुमारजी झाबक (मद्रास) की भी सेवाएँ रही हैं। एतदर्थ, मैं उनकी भी हृदय से आभारी हूँ। शोध निमित्त शाजापुर प्रवास के दौरान जिनकी आत्मीय स्निग्धता मिलती रही- उन डॉ. सागरमलजी के सुपुत्र श्री नरेन्द्रकुमारजी माण्डलिक, लोकेन्द्रजी नारोलिया, राजेन्द्रजी माण्डलिक, माणकमलजी श्रीश्रीमाल, डॉ. राजेन्द्रजी जैन एवं प्राच्य विद्यापीठ के कर्मचारियों की भी मैं हृदय से कृतज्ञ हूँ। शाजापुर संघ, ब्यावर संघ, मद्रास संघ, बड़ौदरा संघ, इन्दौर संघ, आदि का सहयोग मेरी श्रुतसाधना में स्मरणीय रहा है। इस शोध सामग्री को कम्प्युटराइज्ड करने में श्री संजयजी सक्सेना एवं श्री अजयजी सक्सेना शाजापुर का एवं प्रुफ - संशोधन में श्री चैतन्य कुमारजी सोनी शाजापुर का विशिष्ट सहयोग रहा है। एतदर्थ, उनके प्रति भी मैं अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करती हूँ । इनके अतिरिक्त प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से इस शोध-प्रबन्ध के प्रणयन में जो भी सहयोगी बने हैं, उन सबके प्रति मैं हार्दिक कृतज्ञता ज्ञापित करती हूँ। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001677
Book TitleJain Dharma me Aradhana ka Swaroop
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPriyadivyanjanashreeji
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2007
Total Pages540
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Worship
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy