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निरपेक्ष और सापेक्ष नैतिकता
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१. पाश्चात्य दृष्टिकोण २. भारतीय दृष्टिकोण
जैन दृष्टिकोण ६० / गीता का दृष्टिकोण ६२ / महाभारत तथा मनुस्मृति आदि ६२ / बौद्ध दृष्टिकोण ६३ /
ब्रडले का दृष्टिकोण और जैनदर्शन ६३ / ३. नैतिकता का निरपेक्ष पक्ष ४. उत्सर्ग और अपवाद ५. डिवी का दृष्टिकोण और जैन दर्शन ६. सापेक्ष नैतिकता और मनपरतावाद ७. सापेक्ष नैतिकता और अनेकान्तवाद ८. आदर्श व्यक्ति का आचार एवं मार्ग-निर्देश ही जनसाधारण के लिए
प्रमाणभूत ९. मार्गदर्शक के रूप में शास्त्र १०. निष्पक्ष बौद्धिक प्रज्ञा ही अन्तिम निर्णायक ११. नीति के सापेक्ष और निरपेक्ष तत्त्व
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