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आत्मा को अमरता
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१. अनित्य आत्मवाद
__एकान्त अनित्य आत्मवाद की नैतिक समीक्षा २३६ / २. नित्य-आत्मवाद
___एकान्त नित्य-आत्मवाद की नैतिक कठिनाई २३८ / ३. जैन दृष्टिकोण ४. बौद्ध दृष्टिकोण
बुद्ध के आत्मवाद के सम्बन्ध में दो गलत दृष्टिकोण २४१ / ५. भ्रान्त धारणाओं का कारण
अनात्म (अनत्त) का अर्थ २४४ / आत्मा (अत्ता) का अर्थ २४५ / अनित्य का अर्थ २४५ / अव्याकृत का सम्यक् अर्थ
२४५ / बुद्ध मौन क्यों रहे ? २४५ / ६. जैन और बौद्ध दृष्टिकोण की तुलना ७. गीता का दृष्टिकोण
जैन, बौद्ध और गीता के दृष्टिकोणों की तुलना २४७ / ८. आत्मा की अमरता और पुनर्जन्म ९. कर्मसिद्धान्त और पुनर्जन्म १०. ईसाई और इस्लाम धर्मों का दृष्टिकोण ११. उक्त दृष्टिकोण की समीक्षा १२. वैयक्तिक विभिन्नताओं के लिए वंशानुक्रम का तर्क एवं उसका उत्तर. १३. पूर्वजन्मों की स्मृति के अभाव का तर्क एवं उसका उत्तर
जैन दृष्टिकोण २५१ / बौद्ध दृष्टिकोण २५२ / क्या बौद्ध अनात्मवाद पुनर्जन्म की व्याख्या कर सकता है ? २५२ / गीता
का दृष्टिकोण २५३ / निष्कर्ष २५४ / १४. पाश्चात्य दर्शन में आत्मा की अमरता या मरणोत्तर जीवन
दार्शनिक युक्तियाँ २५५ / वैज्ञानिक युक्ति २५५ | नैतिक युक्तियाँ २५६ / (अ) ज्ञान की पूर्णता के लिए २५६ / (ब) नैतिक आदर्श की पूर्णता या चरित्र के लिए पूर्ण विकास के लिए २५६ / (स) मूल्यों के संरक्षण के लिए २५६ / (द) शुभाशुभ के फल-भोग के लिए २५७ /
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