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- २५ - ९. सत्तावादी नीतिशास्त्र और जैन दर्शन
आचारदर्शन को प्रमुखता १४५ / वैयक्तिक नीतिशास्त्र १४६ / अन्तर्मुखी चिन्तन १४६ / शाश्वत आनन्द पदार्थों के भोग में ।
नहीं १४८/ १०. मार्क्सवाद और जैन आचार दर्शन
भौतिक एवं आध्यात्मिक आधारों में अन्तर १५० / आर्थिक एवं धार्मिक दृष्टिकोण में अन्तर १५० / भोगमय एवं त्यागमय जीवन-दृष्टि में अन्तर १५१ / मानवमात्र की समानता में आस्था १५२ / संग्रह की प्रवृत्ति का विरोध १५२ / समत्व का
संस्थापन १५२ / साम्य नैतिकता का प्रमापक १५२ / ११. डब्ल्यू० एम० अरबन का आध्यात्मिक मूल्यवाद और जैन दर्शन
नैतिक मूल्य १५३ / १२. भारतीय दर्शनों में जीवन के चार मूल्य
१. जैनदृष्टि में पुरुषार्थचतुष्टय १५५ / २. बौद्ध दर्शन में पुरु
षार्थचतुष्टय १५७ / ३. गीता में पुरुषार्थचतुष्टय १५८ / १३. चारों पुरुषार्थों की तुलना एवं क्रम-निर्धारण १४. मोक्ष सर्वोच्च मूल्य क्यों ? १५. भारतीय और पाश्चात्य मूल्यसिद्धान्तों की तुलना १६. नैतिक प्रतिमानों का अनेकान्तवाद १७. जैन दर्शन में सदाचार का मानदण्ड
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आचारदर्शन का तात्त्विक आधार
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१. आचारदर्शन और तत्त्वमीमांसा का पारस्परिक सम्बन्ध
जैन दृष्टिकोण १७९ / बौद्ध दृष्टिकोण १८० / गीता का दृष्टिकोण १८१ / सत् के स्वरूप का आचारदर्शन पर प्रभाव १८२ / सत् के स्वरूप की विभिन्नता के कारण १८२ | भारतीय
चिन्तन में सत् सम्बन्धी विभिन्न दृष्टिकोण १८३ / २. ( अ ) सत् के अद्वय, अविकार्य एवं आध्यात्मिक स्वरूप की नैतिक
समीक्षा
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