________________
१ शुभांति:- ॐ ही जम्भे नमः । पून:- ॐ हीं नमो जम्भायै , श्रीजम्भे ! श्री (240 टेव-anj ||३७४||
IM५४नमोय तमना नाम बोलवा.) आदिदेव-देवीप्राणप्रतिष्ठाविधिमहोत्सवे अत्र आगच्छ आगच्छ, इदमयं
पाद्यं बलिं चरुम् आचमनीयं गृहाण गृहाण, संनिहिता भव भव स्वाहा । जलं गृहाण गृहाण, गन्धं पुष्पम् देवी ति अक्षतान् फलं मुद्रां धूपं दीपं नैवेद्यं गृहाण गृहाण, सर्वोचारान् गृहाण गृहाण, शान्तिं कुरु कुरु, तुष्टिं पुष्टिं प्र ष्ठा ऋद्धिं वृद्धिं सर्वसमीहितं कुरु कुरु स्वाहा । हाम:- ॐ रां जम्भादेवी संतर्पिताऽस्तु स्वाहा ।।१।। ति क , २ ॐ ही जम्भिन्यै नमः । ॐ ह्रीं नमो जम्भिन्यै, श्रीजम्भिनि ! श्री (24॥ ३५-४वी पूनमा डोय मना नाम
बोलवा.) आदिदेव-देवी० (माडी पडेलानी भ) भा :- ॐ रां जम्भिनी संतर्पिताऽस्तु स्वाहा ।।२।। अञ्जन- || ३ ॐ ह्रीं स्तम्भे नमः । ॐ ह्रीं नमः स्तम्भायै, श्रीस्तम्भे! श्री (2॥ ४५-४ी पू४नमा डोय मन नाम clean.)||
1 आदिदेव-देवी० (415 पानी सेम) । बीमा :- ॐ रां स्तम्भादेवी संतर्पिताऽस्तु स्वाहा ॥३॥ प्रति
४ ॐ ह्रीं स्तम्भिन्यै नमः । ॐ ही नमस्स्तम्भिन्य, श्रीस्तम्भिनि ! श्री (२८॥ १-४वी पू४नमा डोय तेमन नाम// दि बोलवा.) आदिदेव-देवी० (पाही पडेलानी भ) | Hit :- ॐ रां स्तम्भिनी संतर्पिताऽस्तु स्वाहा ॥४॥ विधि ५ ॐ ह्रीं मोहे नमः । ॐ ह्रीं नमो मोहाय, श्रीमोहे ! श्री (24॥ व-हेवी पूनमisीय मन ना ल .)
___ आदिदेव-देवी० (4u udalनी भ) । Hair :- ॐ रां मोहादेवी संतर्पिताऽस्तु स्वाहा ॥५॥
शलाका
Jain Education Interational
For Private & Personal use only
www.jainelibrary.org