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साध्वी मोक्षरला श्री
सत्ताईसवाँ द्वार - कालप्रवेदन की विधि। अट्ठाईसवाँ द्वार - योग-उत्क्षेप की विधि। उनतीसवाँ द्वार - योगनिक्षेप की विधि। तीसवाँ द्वार - स्वाध्याय-प्रस्थापना की विधि। एकतीसवाँ द्वार - आचारांगादि सूत्रों की नंदी-विधि। बत्तीसवाँ द्वार - कालसंबंधी खमासमण की विधि। तेंतीसवाँ द्वार - कालमंडल की विधि। चौंतीसवाँ द्वार - अनुष्ठान की विधि। पैंतीसवाँ द्वार - संघट्ट ग्रहण करने की विधि। छत्तीसवाँ द्वार - उत्संघट्ट की विधि। सैंतीसवाँ द्वार - आउत्तवाणय का स्वरूप। अड़तीसवाँ द्वार - योगवाहियों की कल्प्याकल्प्य-विधि। उनचालीसवाँ द्वार - योगवाहियों की आहार-विधि। चालीसवाँ द्वार - योगवाहियों के अपराध-स्थान। इकतालीसवाँ द्वार - संघट्ट रखने की विधि। बयालीसवाँ द्वार - आउत्तवाणय छोड़ने की विधि। तेंतालीसवाँ द्वार - सभी सूत्रों के योग, दिन, काल-संख्यादि का निरूपण। चवालीसवाँ द्वार - आचार्य-पदस्थापन-विधि। पैंतालीसवाँ द्वार - उपाध्याय-पदस्थापन-विधि। छियालीसवाँ द्वार - महत्तरा-पदस्थापन-विधि। सैंतालीसवाँ द्वार - आलोचना-विधि।
अड़तालीसवाँ द्वार - साधु की अन्तिम आराधना-विधि। उनचासवाँ द्वार - श्रावक की अन्तिम आराधना-विधि। पचासवाँ द्वार - मृतकसंयत-परिष्ठापना-विधि।
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