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________________ सामान्य भूत-भविष्यत्काल ] भाग २ : अनुवाद [१४७ सा तुम खमीअ । तुम रोटिअ खाही। अहं खेत्तं कस्सी । णायाहीसो नायं सुणीम । अहं उत्तरज्झयणं पढीअ । बालआ उज्जाणे पुप्फाणि तुट्टीअ । ते महुरं गीयं गाहीअ । कि तुमं झाणं झाही ? कि सा मज्झ घडि न चोरीम ? तुम एत्थ ठाणओ गच्छी। पाठ ५ सामान्य भविष्यत् काल उदाहरण वाक्य [ भविष्यत् काल की क्रिया का प्रयोग ] १. मैं विद्यालय अवश्य जाऊँगा अहं विज्जालयं अवस्सं गच्छिहिमि । २. वह प्रतिदिन गेंद खेलेगी-सा पइदिणं कन्दुअं खेलिहिइ । ३. तुम मुझे वहाँ देखोगे तुमं ममं तत्य पासिहिसि । ४. वह पुस्तक लिखेगी - सा पोत्थअं लिहिहिइ। ५. वह यहां ध्यान करेगा - सो अत्थ झाणं करिहिइ ( झाहिइ )। ६. क्या तुम दूध पियोगे कि तृमं दुद्ध पाहिसि ? ७. क्या तुम गीत गाओगे - किं तुम गीअं गाहिसि ? ८. क्या तुम कपड़ा खरीदोगे किं तुमं वत्थ कीणहिसि ? ९. हम वाराणसी जायेंगे अम्हे वाणारसिं गच्छहिस्सामो । नियम-- २४. भविष्यत् काल के अर्थ में भविष्यत् क्रिया का प्रयोग होता है। संस्कृत की तरह अनद्यतन भविष्यत् ( लुट् ) और सामान्य भविष्यत् (लट् ) का भेद नहीं है । शेष वर्तमान काल की तरह जानना चाहिए। अभ्यास (क) प्राकृत में अनुवाद कीजिए-क्या तुम कल व्याकरण पूछोगे? क्या तुम मेरा कार्य नहीं करोगे ? मैं बगीचे में फूलों को देखूगा। सीता पुस्तक पढ़ेगी। वे परमात्मा का ध्यान कर रहे होंगे। क्या तुम्हारी बहिन गाना गायेगी ? विश्वविद्यालय में प्राकृत की पढ़ाई होगी। वे प्रतिदिन यहाँ पूजा करेंगे। क्या वह Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001669
Book TitlePrakrit Dipika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudarshanlal Jain
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year2005
Total Pages298
LanguageHindi, Sanskrit, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size13 MB
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