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________________ सामान्य भूतकाल ] भाग २ : अनुवाद [ १४५ 'अ' जोड़कर और स्वर से आरम्भ होने वाले शब्दों के आदि में 'अण' जोड़. कर भी निषेधात्मक वाक्य बनाये जाते हैं। गमणं > अगमणं, आवस्स अणावस्स। अभ्यास (क) प्राकृत में अनुवाद कीजिए-श्याम ( साम) और कृष्ण ( किसण ) पुस्तकें पढ़ते हैं। क्या वह तुमसे नहीं डरता है ( बीहइ ) ? मैं उससे लाल कपड़ा लेता हूँ (गिण्हामि )। यह फल किसान के लिए है। यहाँ साँप (फणि) निकलते हैं। साधु इन सब छात्राओं को जानता है। क्या ये स्त्रियाँ शीघ्र कार्य नहीं करती हैं ? वे इसको ( इमं ) प्रणाम नहीं करते हैं। तुम किन ( काओ ) स्त्रियों को दान देते हो? क्या वे सब यहाँ पढ़ते हैं ? कौन वहां भोजन करता है ? क्या यह ( इमा.) वहाँ जाती है ? क्या तुम यहाँ ( अत्थ ) ठहरते हो ( ठासि ) ? माता कभी भी कुमाता नहीं होती है। मैं सदा मोक्ष की अभिलाषा करता हूँ। (ख) हिन्दी में अनुवाद कीजिए--केत्तिअ रूबगाणं आवस्सअया अत्थि ? ते कल्ल अत्थ न अस्थि । तुम्हे तत्थ था। अहं अत्थ अम्हि । तुमं कि पाससि ? तं फलं तस्स अत्थि । ताणि वत्थाणि काण सन्ति ? इदं तुज्झ भायरो गच्छद । सा ताण बहिणो अस्थि । कासु लज्जा ण अस्थि ? अत्थि इहेव कुसग्गपुरं नाम नयरं। उत्तमस्स छत्तस्स इदं फलं अस्थि । ण दीसइ जाइविसेसो को वि। दस बाला निसाए पढंति । इदं परक्कं पोत्थयं अत्थि । तुज्झ पुत्तो कहिं वसइ ? अहं पोत्थयं वाणारसिं पढामि । हलिहाए पीअं रंगं होइ । मुत्तीए परमं सुहं अस्थि । तीए सुएसीए ( सुकेशी के ) घरम्मि नडईए उत्तमं णच्चं होइ। घणवताणं सव्वे पसंसंति । ताणं जसो सव्वत्थ वित्थिण्णो ण अत्थि । पाठ ४ सामान्य भूतकाल उदाहरण वाक्य [ भूतकालिक क्रिया का प्रयोग - १. मैंने आज एक प्रश्न पूछा = अहं अज्ज एक्को पण्हो पुच्छीअ । १० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001669
Book TitlePrakrit Dipika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudarshanlal Jain
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year2005
Total Pages298
LanguageHindi, Sanskrit, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size13 MB
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