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१०८]
प्राकृत-दीपिका
[ द्वादश अध्याय
बहुवचन
उ० पु० हसिस्स, -स्सामि, -हामि; हसिस्सामो, -मु, -म; हसिहामो,-मु,-म; हसिहिमि
- हसिहिमो, -मु, -म; हसिहिस्सा,-हित्था
विध्यर्थ एवं आज्ञार्थ एकवचन
बहुवचन प्र. पु० हसउ
हसन्तु म० पु० हसहि, हससु
हसह (हसेज्जसु, हसेज्जहि, हसेज्जे, हस) उ० पु० हसामु, हसिमु, हसमु
हसामो, हसिमो, हसमो नोट-विकल्प से एत्व होने पर सर्वत्र-हसे उ, हसेन्तु आदि रूप भी बनेंगे।
क्रियातिपत्ति (तीनों पुरुषों में)
एकवचन हसेज्ज, हसेज्जा, हसन्तो, हसमाणो हसेज्ज, हसेज्जा, हसन्तो, हसमाणो नोट-वैकल्पिक रूपों को प्रत्यय जोड़कर सर्वत्र समझ लेना चाहिए।
आकारान्त 'पा' (पीना) वर्तमानकाल
भूतकाल एकवचन बहुवचन
एकवचन
बहुवचन पाइ पान्ति, पान्ते, पाइरे प्र० पासी,पाही,पाहीम पासी,पाही,पाहीम पासि पाइत्था, पाह म०
पामो, -मु,-म उ० भविष्यत्काल
विधि एवं आज्ञार्थ एकवचन बहुवचन
एकवचन बहुवचन पाहिए
पाहिन्ति प्र० पाउ पान्तु पाहिसि
पाहित्था म० पाहि, पासु पाह पाहिमि
पाहिमो उ० पामु पामो
क्रियातिपत्ति सर्वत्र-पाज, पाज्जा, पान्तो, पामाणो।
पामि
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