________________ [2] आधार पर स्व. पं. नाथूरामजी प्रेमी द्वारा लिखित नवीन हिन्दी टीका सहित / श्रावक-मनिधर्मका चित्तस्पर्शी अद्भुत वर्णन / पंचमावृत्ति। मूल्य-तीन रुपये पच्चीस पैसे। (8) अध्यात्म राजचन्द्र : श्रीमद् राजचन्द्रके अद्भुत जीवन तथा साहित्यका शोध एवं अनुभवपूर्ण विवेचन डा. भगवानदास मनसुखभाई महेताने गुर्जरभाषामें किया है। मूल्य-सात रुपये। (9) पंचास्तिकाय : * श्रीमद्भगवत्कुन्दकुन्दाचार्यविरचित अनुपम ग्रन्थराज / आ. अमृतचन्द्रसूरिकृत -- समयव्याख्या' एवं आचार्य जयसेनकृत तात्पर्यवृत्ति' - नामक संस्कृत टीकाओंसे अलंकृत और पांडे हेमराजजी-रचित बालावबोधिनी भाषा-- टीकाके आधार पर पं. पन्नालालजी बाकलीवालकृत प्रचलित हिन्दीअनुवाद सहित / तृतीयावृत्ति / मूल्य-सात रुपये। (10) अष्टप्राभृत: . श्रीमत्कुन्दकुन्दाचार्य विरचित मूल गाथाओं पर श्रीरावजीभाई देसाई द्वारा गुजराती गद्य-पद्यात्मक भाषान्तर / मोक्षमार्गकी अनुपम भेंट। मूल्य-दो रुपये मात्र / (11) भावनाबोध--मोक्षमाला : श्रीमद् राजचन्द्रकृत / वैराग्यभावना सहित जैनधर्मका यथार्थसवरूप दिखाने वाले 108 सुन्दर पाठ हैं। मूल्य-एक रुपया पचास पैसे। (12) स्याद्वाद मंजरी: श्रीमल्लिषेणसूरिकृत मूल और श्रीजगदीशचन्द्रजी शास्त्री एम. ए., पी-एच. डी. कृत हिन्दी-अनुवाद सहित / न्यायका अपूर्व ग्रन्थ है। बड़ी खोजसे लिखे गये 13 परिशिष्ट हैं। मूल्य-दस रुपये। (13) गोम्मटसार-कर्मकाण्ड : श्रीनेमिचन्द्रसिद्धान्तचक्रवर्तिकृत मूल गाथाएँ, स्व. पं. मनोहरलालजी शास्त्रीकृत संस्कृतछाया और हिन्दीटीका। जैनसिद्धांत-ग्रन्थ है। तृतीयावृत्ति / मूल्य-सात रुपये। (14) इष्टोपदेश: श्रीपूज्यपाद-देवनन्दिआचार्यकृत मूल श्लोक, पंडितप्रवर आशाधरकृत संस्कृतटीका, पं. धन्यकुमारजी जैनदर्शनाचार्य एम. ए. कृत हिन्दीटीका, स्व. बैरिस्टर चम्पतरायजोकृत अंग्रेजीटीका तथा विभिन्न विद्वानों द्वारा रचित हिन्दी, मराठी, गुजराती एवं अंग्रेजी पद्यानुवादों सहित भाववाही आध्यात्मिक रचना। द्वितीय नयी आवृत्ति। मूल्य-दो रुपए पचास पैसे। (15) समयसार : ___ आचार्य श्रीकुन्दकुन्दस्वामी-विरचित महान अध्यात्मग्रन्थ, तीन टीकाओं सहित नयी आवृत्ति। मूल्य-सोलह रुपये। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org