SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 298
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ मूलगाथाऽकाराद्यनुक्रमः] [२७३ - गाथाद्यचरणम् उस्सारिऊण विहिणा उस्सासाओ पाणू उस्सुत्ता पुण बाहइ ऊणत्तं ण कयाइ ऊसारिऊण विहिणा ऊसारिऊण विहिणा गाथाङ्क: ४९५ १३९९ ११७८ ११८४ ४९६ ४८४ गाथाद्यचरणम् उद्देसिय साहुमाई उप्पण्णा उप्पण्णा उप्पायण संपायण उभयकडोभयभोगा उभयाभावेऽवि कुओ उम्मग्गदेसओ मग्गउम्मायं व लभिज्जा उवएसं पुण विअरइ उवओगो एवं खलु उवगरणगोअरा उवगरणवत्थपत्ते उवगरणं उवगारे उवगरणंपि धरिज्जा उवगरणं वामे उरुगंमि उवगरणं सुद्धेसणउवगाराभावेऽवि हु उवजीवणाकयं जइ उवठाविओ सिअत्ति उवरिं हिट्ठा य पमज्जिऊण उवविसइ गुरुसमीवे उववूहिऊण सेसे उवसग्ग-गब्भहरणं उवसमसेढीए खलु उवसंपण्णाण जहा उवसंपयाय कप्पो उवहाणं पुण आयंबिलाइ उवहिं च संदिसावि उव्वत्तइ परिअत्तइ उव्वत्तइ परिअत्तइ उस्सग्ग समत्तीए उस्सप्पिणिए दोसुं गाथाङ्क: ७४४ ४६४ ७५३ १०९६ ५२७ १६५५ ५६८ १५१२ ५३१ २३१ २३२ १३८५ ७६९ ४२९ १३८२ १२७३ ७५ ५७८ ३१४ ९६२ १६१४ ९२६ १४९८ ९८५ एअ गुणविप्पमुक्कं एअघोसविमुक्को एअमिहमुत्तमं सुअं एअम्मि पूइअम्मी एअस्स उ संपाडणएअस्स एस णेओ एअस्स पहावेणं एअस्सवि पडिसेहो एअस्स हेउभावो एआण विसेसेणं एआरिसा इहं खलु एआरिसेण गुरुणा एआसु थेवथेवं एए उ अणाएसा एए उ अणादेसा एए चेव उ तेरस एए चेव दुवालस एए चेव य वत्थू एए चेव विभागा एएण उ रहिआइं एएण जो विसुद्धो एएण जंति केई एएण न बाहिज्जइ १३१८ ३३४ १११० ११३७ १२२० १४९४ १५९७ ९०० ९१७ १६६९ २५ १४ १३९६ २५७ २५९ ७८१ ७७९ ९८६ ५८९ ५५४ १६२५ १६७२ ४५४ १४८७ ४११ ९१३ १०८१ ८५६ १०७३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001650
Book TitlePanchvastukgranth Part 1
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorRajshekharsuri
PublisherArihant Aradhak Trust
Publication Year
Total Pages322
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, Religion, & Principle
File Size23 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy