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14 : तत्त्वार्थ सूत्र : मोक्ष-मार्ग
• सदसतोरविशेषाद् यदृच्दोपलब्धेरुन्मत्तवत् ।। ३३ । ।
सत् (यथार्थ) और असत् (अयथार्थ) का अन्तर न जानने से विचारशून्यता ( यदृच्दोपलब्धि) के कारण ये विपर्ययज्ञान अज्ञान रूप ही हैं । ( ३३ )
नय के भेद
• नैगमसंग्रहव्यवहारर्जु सूत्रशब्दा नया: (३४८८
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नैगम, संग्रह, व्यवहार, ऋजुसूत्र और शब्द
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ये पाँच नय हैं । (३४)
• आद्यशब्दौ द्वित्रिभेदौ । । ३५ । ।
प्रथम (नैगम नय) के तथा शब्दनय के क्रमशः दो ( दशपरिक्षेपी और सर्वपरिक्षेपी) तथा तीन (साम्प्रत, समभिरूढ एवं एवंभूत) भेद हैं ।
(३५)
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