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________________ ८६ जइ न झुलुक्किज्जतो ३७६ जइ भुज्जाएइ मही ४७२ गरुयाई चिय साहइ २३९ गरुयायंति अणेगे २५१ गहिऊण चूय मंजरि ६८१ गाढा लिंगण रहसोज्जयम्मि ४४३ गाहाण रयणकोसं ८३७ गिम्हम्मि कलिजुगम्मि व ६९५ जइया पुणो न दीसइ ४४२ जइ लग्भइ अवयारि ७६९ ज सा सहीहिं भणिना २६८ जइ सासुयाए भणिया २६७ अइ सो न एइ मह मंदिर म्म ४०२ जे अत्थीहि न पिज़्जइ ४७ गिम्हावर मज्झन्हे ६९१ गिम्हे महद्दहाणं ६९० गिरिसिहरसंठिएणं ६४७ गुणगरुयाण वि धणवज्जियाण १२३ गुणलेसो वि [ ! य ] न सुयण ! १०५ गुणसंगेण वि गुरुभा ७७७ 11 गुरुआ वि जेसु मडहा ९९ गुरुघणपाठसनवसिरि- ६४० गुरुविरह संधि-विग्गह- ७१६ घ सहाववंकं ६४४ घडलं पुणो न तीरइ ४३८ घर सिरपसुत्तकामिणि- ७१ चंगत्तं दिव्ववसेण ३४८ चंचुपुडछिन्ननवनलिणि - ५४० जं किर उल्लसर दर्द ३४९ जं जं ते न सुहायइ ४६ ७ जं नम्मयाए विहिओ ३५३ जं पि य [ ? पिय ] मंगलवासणाए ४९९ जड संसग्गुल्लसिभ १३७ जस्थ अनीइपराई ६८ जरथच्छफलिहभूमी ( ? मिस ) ६७ जत्थ न दूरालोयण - ४१३ जत्थ मणिभवणभित्तीसु ६६ जत्थ लहिऊण उदयं ६५४ जत्थ ससिकंतकविसीसय ६२ जलजायजायवाहण - २७८ जलणं जलं च अमियं ३५ चंदण-पंकयहारं ४८७ चंदमयेदवियारिय-५५३ जलणपवेसो चामीयरस्स ८०६ जलनिद्दिमुकेण वि . कुत्थुहेण ५९ जलहर ! वरिसिहिसि तुमं ६५७ चदुच्चतावयंसं ५५७ चंदो वि जाण दासो ३४६ चडइ नमताण गुणो ७७८ चावगुणाणं दुहं ७९ चावाण नवरि एक्काण १३१ जलहिजलसमालंबिय - ५३५ जलहिविसंघडिएण वि ५५६ जस्स असिभिण्णअरिकरि - २२६ जस्स करवालदंडेण २३१ चितामंदरमंधाण मंथिए २२ चिक्कणचिक्खल्लच हुट्ट - ७६६ चित्तुत्तिन्नो वि तुलागओ १७७ जस्स करे करवालो २२४ अस्स य: समरे भरिकुंभि - २२१ जह कणयं तह परिमाण - १०१ छंद अयाणमाणेहिं २७ छाइल्लो पियइ तमं ७३ छायारहियस्स निरासयस्स ७१२ छिन्नाण सोसियाण य ९० जइ कहव अनिम्महिओ ३२ जइ कोट्टिमो सि उज्जय- ३१९ जह जह उग्गमइ ससी ५६२ जह जह पावंति पयं १४६ जह जह सरियाओ जलं ४२ जह पढमदिणे तह पच्छिमम्मि २६३ जह लडहत्तं जह सा २८५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001584
Book TitleGaharayankosa
Original Sutra AuthorJineshwarsuri
AuthorAmrutlal Bhojak, Nagin J Shah, Dalsukh Malvania
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1975
Total Pages122
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Literature, & Sermon
File Size6 MB
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