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________________ ७६ पाठांतर १० अहवुं चितिइ ब, भेहवु ड, चितिकिं ड, अह ं चीतवी इ, भेहविट उचित क, चित अ, चितिकि अ, चितके व, चींती चिति कि क, चिन्न फ, सतगुणी रेफ, ऋषिदत्तनि बइ, ऋषिदत्तानई डग, रविदत्तानइ फ, मोहिके बफ, मोहिके डर, रुषिमिणि ड, रिषमणी ई, रषिमणि फ, अवगणीरे क, उवगुणीरे फ, ऋषमणी अवगुणिरे ग, वल्यु बड, वला इ, वचखिण फ, मंदिरि बड, करि इ, मुकलामणीरे ड. ११ वनतरुनि छ, कहिसुदरि इ, कहि फग, लोयणांरे बकडइफग अपराध के ब, बंधव - माहरा रे ब बंधव मुझतणारे कडग, बंधव इ, बंधव मझतणा कुसम बड़, संभारके ब, संभारकइ ड, संभारणि इ, सवादकि डग, वारे ड, दिन दिन नवांरे ग. १२ सहील संमाणी अ, सहीमाणीक, वेलिस् ड दिइ इ, वेलिस्यूँ दिइ फ, संमाण अ, रोमिकि डइ, रोप के ब, सोचइ आंसूजलिरे इ, दिइ आंसोस कडइ, दइ ब, फलियो फ, फलिरे इ. देवनि बक, मोलावि फ, कैकिस्यूं बक, किकिस्युं ड सूक केकीसुं इ, केकस्यूं जिणो इ, परिहौरे क, १३ १५ फ, वलवतीरेफ, विलयती व, बहिन नई कडग, बोहनिनइ हूँ, १४ मृगलीनि काहि इ, मृगलींनइ क, न मृगलांनई ग, प्रेसखि बड, प्रियसखि क, कहि प्रियसखि फ, प्रियसखी ग, प्रांणथी अ, प्रियारे डग, तुम्ह प्रियारेक, तुं प्रीयारे इ, थानिक इ करूरे इ, हुं फ, नुउ ब, १७ १८ तब कइग, लेलिस्यूं दे ब, बेलिस्यूं दिr क वेलिस्युं दई ग, हीत इ, पुत्र समणी इ ब, आसु ब, अंसुजलइरे क, असुं जलइरेड, जाणउ क, जणु डग, मनइ धरी फ. हूं परदेसणि इ, पंखीणि ग, उतारू ग, ताजिनुं थानकिंग, थांनक अ, कास्यूंरे ग, विचितात क, चिंतिके अ, तितिकि नहतुं ग. रे फ, कुसुम क, सादके इ, नवन. Jain Education International १६ तेहंनई ड, तेहनइ ग, सरली बकडग, मजसरीपी फ, जेहेवो इ, पांणी अ, दाखि इ, दोषाइ ब, दाखइ ग, छांहिकि ग, झबकइ शब्द गमां नथी, विदेसी बक, वदेसी फ, विदेसि ग. उचाट अ, स्यूं बक, उचाउस्यु ड, कुण बकडग, कुणकरिरे इ, करेइरे ग, जतकि क, जातके इ, जंतके फ, मृगबालक कग, मृ बलिक ड, मेलती इ, गहिबरीरे बडग, नेहनी महिवरोरे क, गहबरीरे इ, अक "रडी" शब्द अबडइगमां नथी, भरया ङ. कांतन अ, कामिनफ, कांमिनी अ, पीउस्यू ब, प्रीउसु इ, प्रोयुसिउफ, पिउ ग, सोहि बड, सोहि फ, जेमकि ससिसंगि जेम इ, जमकेस स्रोसंग यामनोरे फ "पीउस्य ं ... यामिनीरे" आखी कडो डमां नथी. खिणखिण डड्ग, वियोगनु बकइग, वियोग ड, दुःखके ब, पोठतस बग, ठारई चीति बग, ठारइ चितकि क, तातजिनुं बकडफ, तार्ताजिनुं ब, करयुंरे क, करूरें डग, कग, तितिके ड, चितके सरिखांक, सरखां ड, मृगबालिक ब, सवे खलबालांरे इ, चालती जाणी मलारे ६, सुदरिफ, सुंदरि ग, मल्यारे फ, मल्यांरे ग, उशंगिके ब, उत्संगिग, वाहलां ग प्रांगथीरें अ, पाखथी रे अ, निज करि प्रामिकि क, परिवयां पाखतीरे कग, परिवरयां ड, करि प्रेमिके इ, निजकरि प्रेमके परिवरा पाखतीरे फ. For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001581
Book TitleRushidattras
Original Sutra AuthorJayvantasuri
AuthorNipuna A Dalal, Dalsukh Malvania
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year
Total Pages206
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Story, & Literature
File Size11 MB
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