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________________ पाठांतर हसतु ग, हरखतो मे इ, खिणिखिणि ब, समरत क, निसि दिन इग, वनपणि गफ, अकनति ग, तातजिइ ब, "काइ वनतिजओ ने बदले तातजिसे बमां छे” का तातनी से क, प्राण तं गाइ कोई तातजि मे इ, प्रांण न कांइ जाइ तन तजि ग. Jटक प्राणन काइ न तजिमें फ, प्राण ग, तुउ क, तु ड, तुं ग, हूं कडइग, निरबांणि ब, नरवाणि फ, परहरी क, दोस क, केहइ देसि ड, दोसिइ फ, केहेइ ग, अति घरयो हूंइ काइ रोस इ, का तइ ग, तइंकां ब, कांतिइ बड, हूती इ, कहा बकडग, काही वसी फ, बेठी ग, प्रीउ पासि अ, सुतविलाश व, सविलास कग, सुविलास ड, सुविसाला इ, विलास क, सुविलासि ड, सुसिउं ब, सुतस्यु कडग, सुतसु इ, हरिखीया फ, अविसि ग, तातजिनइ बडग, तातजिनिइ पाइ क, तेर उर फ “रोरने बदले मेरे कमां छे' मनोरथ तेणी क, रीतिइ इ, मनमाहइ ब, मामांहिं क, हरी मननांहि ड, मनमाहि इ. चालि ५ मनमाहिं क, मनमांहिं डइ, मामाहि फ, मनमांहि ग, अम ग, बचने ड, वचनइ फ, ठार वइ ओ फ, वारवइ ओ ग, सुपरि क, अवड कडग, मनिकरउ फ, अबडो इ, स्योकये फ, सोको ब, हवि फ, चक्रवृत्ति अ, चक्रवति ड, चक्रधर फग, सुर(पति) शब्द नयी फमां, बलवंलिई क, बलवंतइ ड, बलवंति इ, बलवंत फ, मरण. स्यु कडग, मरणसं इ, कोइ न जगमाहिइ क, कोइ न जणिहिंई ड, जगमाहिई ग, जगमाहइं इ, जगमइ फ, विचाणोय कड, विवाणी से ग, कुशलनि इ, कालकुसलान फ, कुशलनइ ग, बलइसे ड. ब्रटक पुराण फ, नही बड, निवांण अ, निवाण बड, जाण अंजाण अ, सीरिसं इ, शरिस फ, देवसउप्राण ब, जहq ब, जेहवु क, जेहवो इ, कुशअग्रे बकड, कुशअग्नि ग, लेहवउ इफ, जेहवु ब, नही अ, निमिषनु ब, नमिषतु ड, नीमिषनो इ, नहींषणउ विसास कडी डमां नधी, नीमिषनु ग, जिविति कग, अहवू गब, मेहबुं क डक, सोका ग, विलंब न करइ डफ, वीसास साचो जिवित वधारानो शब्द इमां छे, इम जाणी करी इ, विलंबन करइ इ, “परिहरी ने बदले अणुसरी उमा छ, सोका ग. ढाल ९ १ कंतिके बड, कति के फ, बुझवी इ, गुणवती रे अ, गुणवणी रे क, आराधि ड, आराधई ग, ववेकिइ फ, विवेकाणि ग, धर्म ब, प्रेमिई ब, प्रेमइ ग, पदमिनि बकग, पदमनी इ, "सांसई ससइरे ने बदले फक्त सासइरे" ज छे बमा, सासइ ड, पोउ मासह इ, पीउ सासि फ, ससईरे ग, सदा वसइरे बक, वसिरे इ. २ प्रियचरिता डइ, प्र.यचिरता इ, प्रीय थिरता फ, अति हई ब, उदारके ड, वात्सल्य करि इ, वाच्छल्य करइ फ, करइ शब्द अमां नथी, अतीव क, अतिप्पति फ, के, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001581
Book TitleRushidattras
Original Sutra AuthorJayvantasuri
AuthorNipuna A Dalal, Dalsukh Malvania
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year
Total Pages206
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Story, & Literature
File Size11 MB
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