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________________ 128 The Temples in Kumbhariya The Sambhavanātha Temple (१३५) (135) सं० १३२५ वर्षे वैशाख शु ९ गुरु प्राग्वटा (ग्वाट) ज्ञातीय श्रे० पद्मशीकस्य य पद्म कुलपुत्र श्रे० रतनज कर्मासीह कुलज प्रहलादपुत्र २ मया....नड....पौ...य....॥ श्री पूर्णिमापक्षीय चउथशाषायां श्रीपद्मदेवसूरि संतान श्री...राज..सूरि श्री...दासन श्री आदिनाथबिंबं कारितं श्रे०...हेन प्रतिष्ठितं सूरिभिः ॥ Brahmanical and Sundry Inscriptions (136) (१३६) संवत् ११५३ कार्तिक सुदि १४ श्री........आरासनाकरे श्रीसंगमेश्वरदेवे श्रीधर्म.......दर्शित सि....जनिजमूर्ति[:] कारिता ॥ (137) (१३७) धरणीधर सुत सं० बूटा संगमेसरगति........।। (138) (१३८) सं० ११८७ फाल्गुन वदि ४........|| (139) (१३९) संवत् ११९५ वैशाख वदि ३........दिने । (१४०) (140) ॐ स्वस्ति श्रीविक्रमसंवत् १२६३ वर्षे वैशाष व(*)दि..शनौ अद्येह श्रीमदणहिलपाटके समस्त(*)राजावलिसमलंकृतमहाराजाधिराजश्रीमदभीमदेवकल्याणविजयराज्ये तत्पादपद्मोपजी(*)वी महामात्यश्रीआंबाके प्रवर्त्तमाने मत्पाद (?) (141) (१४१) सं० १२८३ वर्षे मार्ग सुदि ३ भौमे...........।। (१४२) (142) संवत् १३१३ वर्षे चैत्र वदि १० सोमे अद्येह आरासणाकरे महं श्रीयीस्चप्रतिपत्तौ ॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001571
Book TitleTemples of Kumbhariya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorM A Dhaky, U S Moorty
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year2001
Total Pages394
LanguageEnglish
ClassificationBook_English & Art
File Size34 MB
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