________________
श्रावकाचार-संग्रह पंचम भागकी विषय-सूची
पदम-कृत श्रावकाचार
मंगलाचरण और श्रावकाचार विधि वर्णन के लिए शारदा से प्रार्थना जम्बूद्वीप, भरतक्षेत्र मगध देश और राजगृह नगरी का वर्णन राजा श्रेणिक का वर्णन और समवशरण में पदार्पण
गौतम गणधर से गृहस्थ धर्म का कथन करने की प्रार्थना
त्रेपन क्रियाओं का नामोल्लेख कर गौतम स्वामी द्वारा उनका निरूपण
सम्यक्त्व के बिना संसार परिभ्रमणका वर्णन
द्रव्य और भाव मिथ्यात्व का निरूपण तथा द्रव्य मिध्यात्व के पांच भेद और उनके
प्रचारकों का वर्णन
सम्यक्त्व के स्वरूप का निरूपण
सप्त तत्व और नव पदार्थों का वर्णन
सम्यक्त्व के भेदों का स्वरूप
सम्यक्त्व के पच्चीस दोषों का वर्णन
सम्यक्त्व के आठ अंगों का नामोल्लेख कर निःशंकित अंग में प्रसिद्ध अंजन चोर की कथा निः कांक्षित अंग का वर्णन और उसमें प्रसिद्ध अनन्तमती की कथा निर्विचिकित्सा अंग का वर्णन और उसमें प्रसिद्ध उद्दायन राजा की कथा अमूढ दृष्टि अंग का वर्णन और उसमें प्रसिद्ध रेवती रानी की कथा उपगूहन अंग का वर्णन और उसमें प्रसिद्ध जिनेन्द्र भक्त सेठ की कथा स्थिति करण अंग का वर्णन और उसमें प्रसिद्ध वारिषेण की कथा वात्सल्य अंग का वर्णन और उसमें प्रसिद्ध विष्णु कुमार की कथा प्रभावना अंग का वर्णन और उसमें प्रसिद्ध वज्रकुमार की कथा दर्शन प्रतिमा का वर्णन
सप्त व्यसनों में प्रसिद्ध पुरुषों का वर्णन और उनके त्याग का उपदेश
पंच उदुम्बर फल और तीन मकार के दोष बताकर उनके त्यागने का उपदेश
जल गालन का उपदेश और उसको विधि तथा प्रासुक करने विधान रात्रि भोजन के दोष बताकर उसके त्याग का उपदेश
व्रत प्रतिमा का निरूपण और अहिंसाणुव्रत का स्वरूप अणुव्रत में प्रसिद्ध यमपाल चाण्डाल की कथा सत्याणुव्रत का निरूपण
सत्याणुव्रत में प्रसिद्ध धनदेव सेठ की कथा
Jain Education International
पृष्ठ सं० १-१११
For Private & Personal Use Only
37
mp -
३
5
१०
= x V ~ ☹ w 2 y
१५
१८
२१
२३
२६
२७
२८
३०
३३
३६
४०
४०
૪
४२
४३
૪૪
४६
४९
५०
www.jainelibrary.org