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३६
परमात्मप्रकाशः
अ. दो.
124 155 48
१-१२२ २-२८ १-४७ २-४३ १-८२ २-११४
191 192
14 233 181
अ. दो. २-६१ २-६२ १-१४ २-१०२ २-५१
172
84 248
72
207 58
11 । ।
33
104
१-५७ १-१०२ २-८५
216
16 136 299 251 62
२-९ २-१६१ २-११७
१-४
___5
णियमणि णिम्मलि णियमें कहियउ णेयाभावे विल्लि तत्तातत्तु मुणेवि तरुणउ बूढउ तलि अहिरणि वरि तं णियणाणु जि तं परियाणहि दबु तारायणु जलि तित्थई तित्थु तिहुयणवंदिउ तिहुयणि जीवहं तुट्टइ मोहु तडित्ति ते चिय घण्णा ते ते पुणु जीवहं ते पुणु वंदर्य ते पुणु वंदउं ते वंदउंसिरिसिद्ध ते हवंद दव्वइं जाणइ दव्वइं जाणहि दव्वई सयलहं दव्व चयारि वि दसणणाणचरित्त दसणु णाणु अणंत दसणु णाणु चरित्तु दसण पुन्बु दाणि लब्भइ भोउ दाणु ण दिग्णउ दुक्खई पावई दुक्खहं कारणि दुक्खहं कारणु दुक्खहं कारणु मुणिवि दुक्खु वि सुक्खु दुक्खु वि सुक्खु देउ ण देउले देउ णिरंजणु देउलु देउ वि सत्थु
142 143 147 J50 184 138 169 162 202 306 287
१-३ २-१५ २-१६ २-२० २-२३ २-५४ २-११ २-४० २-३५ २-७२ २-१६८ २-१५० १-८४ २-२७ २-१५३ १-६४
देवहं सत्थहं देवहं सत्थहं "जो देहविभिण्णउ देहविभेयइं जो देहहं उप्परि देहहं उन्भउ देहहं पेक्खिवि देहादेवलि देहादेहहिं जो देहि ससंतु वि देहि वसंतु वि णवि देहि वसंतें देह वि जित्थु देहे वसंतु वि धम्महं अत्थहं धम्माधम्म वि एक्कु धम्मु ण संचिउ धंधइ पडियउ पज्जयरत्तउ जीवडउ पण्ण ण मारिय परमपयगयाणं परमसमाहि धरेवि परमसमाहिमहासरहि पर जाणंतु वि पंच वि इंदिय पंचहं णायक पावहि दुक्खु महंतु पावें णारउ पेच्छइ जाणइ पुग्गल छन्विहु पुणु पुणु पणविवि पुण्णु वि पाउ वि पुण्णेण होइ विहवो बलि किउ माणुसबंधहं मोक्खह बंध वि मोक्ख बंभहं भुवणि बिण्णि वि जेण
29 १-२९ 42 १-४२ 303 २-१६५
44 १-४४ 282 २-१४५
34 १-३४ 130 २-३ 151 २-२४ 267 २-१३३ 255 २-१२१ 79 १-७७ 277 P-२-१४०*१ 353 २-२१४ 331 २-१९३ 327 २-१८९ 239 २-१०८
64 276
२-१४० 253 २-११९ 193 २-६३ 140
२-१३ 146 २-१९ 11 १-११
१-९२ 190
२-६० 284 २-१४७ 183 २-५३
86
94
154 290
65 163 125
66
203 264
१-१२३ २-७३ २-१३०
230 166
२-३७
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