________________
-351 : २-२१२ ]
परमप्प-पयासु 340) अण्णु वि बंधु वि तिहुयणहँ सासय-सुक्ख-सहाउ ।
तित्थु जि सयलु वि कालु जिय णिवसइ लद्ध-सहाउ ॥२०२॥ 341) जम्मण-मरण-विवज्जियउ चउ-गइ-दुक्ख-विमुक्कु ।
केवल-दसण-णाणमउ णंदइ तित्थु जि मुक्कु ॥२०३॥ 342) अंतु वि गंतुवि तिवणहँ सासय-सोक्ख-सहाउ ।
तेत्थु जि सयलु वि कालु जिय णिवसइ लद्ध-सहाउ ॥२०३* १।। 343) जे परमप्प-पयासु मुणि भावि भावहि' सत्थु ।
मोहु जिणेविणु सयलु जिय ते बुज्झहि परमत्थु ।। २०४॥ 344) अण्णु वि भत्तिए जे मुणहिँ इहु परमप्पपयासु ।
लोयालोय-पयासयरु पावहिं ते वि पयासु ।।२०५।। 345) जे परमप्प-पयासयहं अणुदिणु गाउ लयंति ।
तुट्टइ मोहु तड त्ति तह तिहुयण-णाह हवंति ॥२०६॥ 346) जे भव-दुक्खहँ बीहिया पउ इच्छहि णिव्वाणु ।
इह परमप्प-पयासयहँ ते पर जोग्ग वियाणु ॥२०७॥ 347) जे परमप्पहँ भत्तियर विसय ण जे वि रमंति ।
ते परमप्प पयासयहँ मुणिवर जोग्ग हवंति ॥२०८॥ 348) णाण-वियक्खणु सुद्ध-मणु जो जण एहउ कोइ ।
सो परमप्प-पयासयहँ जोग्गु भणंति जि जोइ ॥२०९।। 349) लक्खण-छंद-विवज्जियउ एह परमप्प-पयासु ।।
कुणइ सुहावई भावियउ चउ-गइ-दुक्ख-विणासु ॥२१०॥ 350) इत्थु ण लेवउ पंडियहि- गुण-दोसु वि पुणरुत्तु ।
भट्ट-पभायर-कारणइँ मइँ पुण पुणु वि पउत्तु ।।२११॥ 351) जं मइँ कि पि विजंवियउ जुत्ताजुत्तु वि इत्थु ।
तं वर-णाणि खमंतु मढु जे बुज्झहिं परमत्थु ॥२१२॥ 340) TKM अंतु वि गंतुवि, सोक्ख; c सासइ for सासय; TKM तेत्थु जि. 341) TKM णंदउ तेत्थु विमुक्कु. 342) Only in p, P. गंतु जि 343) TKM भावे भावइ सत्थु; c भावइ; TKM बुज्झइ. 344) Wanting in TKM; C एहु for इहु A पाम्वहि. 345) Wanting in TKM; C तिहं for तह. 346) Wanting in TKM. 347) Wanting in TKMB C विसइ ण. 348) Wanting in TKM: C भणंतु वि.349) Wanting in TKM. 350) Wanting in TKM. 351) Wanting in TKM; C नं मा कि पिग जंपियन; BC वियत्यु for वि इत्यु.
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org